इसी साल के अंत तक होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल पर यह भ्रष्टाचार का यह गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप भावनगर से हार्दिक पटेल के सहयोगी रहे भावेश सोमानी ने लगाया है। बता दें कि भावेश सोमानी वहीं व्यक्ति है, जिन्होंने तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया पर हार्दिक पटेल के निर्देश पर ‘चप्पल’ फेंकी थी।
पैसे लेने के आरोप पर हार्दिक पटेल ने साधी चुप्पी-
सोमानी ने कहा कि हार्दिक ने 2017 में गरियाधर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव के लिए टिकट देने के लिए 23 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। सोमानी ने आगे बताया कि 10 लाख रुपये उनके पिता भरतभाई को उनके अहमदाबाद के फ्लैट में दिए गए और बाकी का भुगतान अंगदिया सर्विसेज के माध्यम से दो किस्तों में किया गया। हालांकि इस मुद्दे पर हार्दिक पटेल ने चुप्पी साध ली है। जब मीडिया ने इस मसले पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा आरोपों को निराधार नहीं कहा जा सकता-
वहीं दूसरी ओर हार्दिक पटेल पर लगे इस आरोप पर भावनगर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गोहिल ने कहा कि इन आरोपों को निराधार नहीं कहा जा सकता है। गोहिल ने कहा कि मैं जानता हूं कि भावेश सोमानी भावनगर में हार्दिक पटेल के भरोसेमंद और विश्वासपात्र में से एक रहे हैं। मैंने उनके बारे में सुना है कि उन्होंने चुनाव के लिए भावनगर जिले में हार्दिक की जनसभा आयोजित करने के लिए पैसे की मांग की थी। गरियाधर कांग्रेस उम्मीदवार परेश खेनी पार्टी कार्यकर्ता होने के साथ-साथ पास कार्यकर्ता भी हैं।
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आंदोलन से राजनीति में आने पर लगते रहते हैं आरोप-
वहीं दूसरी ओर हार्दिक पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर पास संयोजक और अब भाजपा नेता वरुण पटेल ने कहा कि एक बार जब कोई पाटीदार नेता राजनीति में शामिल हो जाता है, तो ऐसे आरोप सामने आते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसे निराधार या सच कहना मुश्किल है, लेकिन एक बात पक्की है, जहां धुंआ है, वहां आग तो होगी ही।
