जयपुरPublished: Sep 09, 2023 06:50:50 pm
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) (आईएलओ) (ILO) के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) केवल कुछ ही कामों में मदद कर सकती है। इससे कई नौकरियां खतरे से बाहर हैं, लेेकिन वहीं इससे निम्न आय वाले देशों में क्लेरिकल जॉब्स कभी नहीं उभर सकेंगी।
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अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) (आईएलओ) (ILO) के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) केवल कुछ ही कामों में मदद कर सकती है। इससे कई नौकरियां खतरे से बाहर हैं, लेेकिन वहीं इससे निम्न आय वाले देशों में क्लेरिकल जॉब्स (Clerical Job) कभी नहीं उभर सकेंगी। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश नौकरियां और उद्योग ऑटोमेशन से आंशिक रूप से प्रभावित होंगे। वहीं कई इस पर पूरी तरह से निर्भर हो जाएंगे।
