नई दिल्लीPublished: Sep 07, 2023 12:52:00 am
मुरली मनोहर : पुश्त-दर-पुश्त बांसुरी बनाने में जुटे हैं 25-30 परिवार
बिहार के सुमेरा मुर्गिया चक गांव के मुस्लिमों की भी आंख का तारा हैं वृंदावन के किशन कन्हैया
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक गांव में मुस्लिम परिवारों को जन्माष्टमी का इंतजार रहता है। उनकी भी भगवान कृष्ण में आस्था है। कुढऩी प्रखंड के बड़ा सुमेरा मुर्गिया चक गांव में 25-30 मुस्लिम परिवार चार पीढिय़ों से बांसुरी बनाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि जन्माष्टमी पर उनकी बांसुरी की बिक्री बढ़ जाती है। इन परिवारों के लिए बांसुरी ही गुजर-बसर का एकमात्र जरिया है।बांसुरी बनाने में निपुण मोहम्मद आलम ने अपने पिता से करीब 40 साल पहले बांसुरी बनाने की कला सीखी थी। तब से वह इस कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां की बनाई बांसुरी की कोई होड़ नही है। यहां की बांसुरी की खनकभरी धुन अलग होती है। बांसुरी बिहार के सभी जिलों के अलावा झारखंड, यूपी के साथ नेपाल, भूटान तक जाती है। आलम ने बताया कि जन्माष्टमी के अलावा दशहरा के मेले में भी बांसुरी खूब बिकती है।
