World Obesity Day 2022: भारत में मोटापा अभी भी चिंता का विषय नहीं है और न ही इसे बीमारी माना जाता है. मोटे लोगों को लेकर अभी भी यही माना जाता है कि अच्छे खान-पान की वजह से वजन बढ़ना (Overweight) सामान्य बात है जबकि विशेषज्ञों की मानें तो मोटापा एक बीमारी है. खुद डब्ल्यूएचओ (WHO) भी मानता है कि मोटापा आज वैश्विक समस्या बन गया है. विकसित देशों के बजाय विकासशील देश इससे ज्यादा प्रभावित देखे जा रहे हैं. मोटापे (Obesity) की वजह से अन्य बीमारियां भी लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रही हैं.
इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल रिसर्च में फरवरी 2022 में प्रकाशित एक लेख में एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वैल्लोर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. नितिन कपूर कहते हैं कि मोटापे को लेकर सबसे पहले ये स्वीकार करना जरूरी है कि यह एक बीमारी है और इसका इलाज किया जाना जरूरी है. चूंकि मोटापा अकेले चलने वाली बीमारी नहीं है बल्कि इसके साथ करीब 200 प्रकार की अन्य बीमारियां (200 Comorbidities) भी लोगों को बीमार करती चलती हैं. आज हर 6 में से एक युवा मोटापे का शिकार है. लंबे समय से समाज में मोटापे को समृद्धि और सुख से जोड़कर देखा जाता रहा है, जबकि मोटापा मुख्य रूप से बीमारी, स्वास्थ्य देखभाल लागत बढ़ाने वाला और मृत्युदर (Death rate) से जुड़ा हुआ मामला है.
न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में डॉ. कालरा बताते हैं कि अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन ने कई साल पहले ये घोषित किया था कि मोटापा एक बीमारी है. मोटापे के साथ अन्य कई तरह की और भी बीमारियां जुड़ी हुई हैं. अगर कोई व्यक्ति मोटा होता है तो उसके शरीर में करीब 200 तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं. कई बीमारियां इतनी खतरनाक हैं कि इनसे न केवल पूरा जीवन स्तर बदल सकता है बल्कि इनकी मृत्युदर भी काफी ज्यादा है. मोटापे के चलते पैदा होने वाली इन बीमारियों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार के रोग शामिल हैं.
ये हैं मोटापे से होने वाली प्रमुख बीमारियां
डॉ. कालरा और डॉ. कपूर अपने लेख में 200 कोमोरबिडिटीज में से इन बीमारियों और परेशानियों का जिक्र किया है, जो आमतौर पर लोगों को मोटापे के साथ परेशान कर रही हैं.
मेटाबोलिक संबंधी बीमारियां
इन बीमारियों में डायबिटीज (Diabetes), ब्लड प्रेशर (BP) और हार्ट की बीमारी (Heart Disease), कोरोनरी आर्टरी डिजीज, सेरेब्रोवैस्कुलर डिजीज, पित्त की थैली में पथरी, फैटी लिवर या लिवर का बढ़ जाना आदि शामिल हैं.
मस्कुलोस्केलिटल या मांसपेशियों सबंधी बीमारियां
मोटापे से जूझ रहे लोगों में जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, सार्कोपैनिक ओबेसिटी आदि प्रमुख बीमारियां कॉमन हैं.
साइकोलॉजिकल या मानसिक बीमारियां
मोटापे का मानसिक रोगों से सीधा संबंध है. अगर कोई मोटा है तो उसे मानसिक समस्याएं होने की संभावना सबसे ज्यादा है वहीं अगर कोई मानसिक रोगों से जूझ रहा है तो वह मोटापे का शिकार हो सकता है. इस श्रेणी में डिप्रेशन यानि अवसाद (Depression), एंग्जाइटी, सोशल स्टिग्मा, ईटिंग डिसऑर्डर्स (Eating Disorders), नींद न आना या नींद का ठीक तरह न आना आदि शामिल हैं.
साइकोलॉजिकल या मानसिक बीमारियां
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