मनमोहन सेजू/बाड़मेर. सालभर भले ही हरी सब्जियां रसोई की शान होती हैं, लेकिन कार्तिक मास आते ही मारवाड़ में एक सब्जी अपना दबदबा जमा लेती है. दरसअल यह कुमुट पौधे के हरे बीज की सब्जी है. इसे स्थानीय भाषा में कुमटिया की सब्जी कहते हैं. माना जाता है कि कुमटिया की सब्जी खाने से हार्ट , लिवर समेत कई गंभीर बीमारियां ठीक हो जाती हैं.
बाड़मेर के आर्युवेद डॉक्टर रावताराम ने बताया कि कुमटिया की सब्जी काफी फायदेमंद होती है. यह हार्ट, लिवर और अन्य गम्भीर बीमारियों में काफी फायदेमंद होती है. इतना ही नही सर्दियो में इसे बाजरे की रोटी के साथ बड़े चाव से खाया जाता है.
सर्दी में ही आती है से सब्जी
पश्चिम राजस्थान में सर्दी की दस्तक के साथ ही कुमुट (कुमट) पर हरी फलियां लगनी शुरू हो जाती हैं. कुमटिया के बीज हृदय, यकृत की होने वाली समस्याओं को भी ठीक करते हैं. बीजों में एक तरह का वसा भी होता है, जो कि दवाई बनाने के काम आता है. दरअसल कार्तिक मास आते ही मारवाड़ में रसोई का राजा कही जाने वाली कुमुट की सब्जी लोगों को खूब भा रही है. दरसअल कुमटिया की सब्जी का स्वाद लाजवाब होता है. यह बाड़मेर जिले के आंटिया, कापराऊ, नेतराड, बिंजासर, भोजारिया, रमजान की गफन, रतासर, बीजराड़, नवातला राठौड़ान, आलमसर, गंगाला, खारिया राठौड़ान सहित बाखासर के हाथला, रामपुरा, भलगांव, एकल, अरटी, नवापुरा गांव के क्षेत्र में काफी मात्रा में मिलती है.
कुमुट के हरे बीज से हो रही आमदनी
बता दें कि कुमुट के हरे बीज ग्रामीण इलाकों के लोगों की आमदनी का साधन भी है. पहाड़ियों के किनारे बसे गांवों के ग्रामीण किसान बीजों की फलियों से कुमटिया बीज निकाल कर गांवों में बेचते हैं. इन दिनों यह बीज 150 रुपये से लेकर 220 रुपये तक बिक रहे हैं. दरअसल जब बीज हरी फलियों में लग जाते हैं, तब इन फलियों को पेड़ से अलग कर लिया जाता है. फलियों से इनके बीज निकाल लेते हैं और फिर बीजों को पकाकर सब्जी बनाई जाती है. ( नोट: यह खबर स्थानीय लोगों की मान्यता और आर्युवेद डॉक्टर की बातचीत पर आधारित है. न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2023, 17:05 IST
