लुधियाना ब्यूरो. यदि आप भी मोटापे और शुगर की समस्या से परेशान हैं और आपको गेहूं खाने से मोटापा और इन्सुलिन लेवल बढ़ने की समस्या रहती है, तो यह खबर आपके लिए है. अब आपको इस समस्या के डरने की जरूरत नहीं है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्लांट ब्राडीइंग एंड जेनेटिक्स डिपार्टमेंट ने गेहूं की एक ऐसी किस्म तैयार की है जो मोटापे और शुगर के इन्सुलिन लेवल को बढ़ने नहीं देगी.
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी ने मोटापे और शुगर के मरीजों कि लिए गेहूं की नई किस्म का बीज तैयार किया है, जिसे खाने से शुगर के मरीजों का इन्सुलिन लेवल नहीं बढ़ेगा. वहीं, किसानों को इस बार रबी के सीजन में यह बीज लगाने के लिए दिया जाएगा. गेहूं की ये किस्म मरीजों के लिए बेहद लाभदायक रहेगी.
8 से 10 साल में तैयार हुई नई किस्म
इस किस्म को बनाने के लिए वैज्ञानिकों को 8 से 10 साल का समय लग गया और इसे कई जगहों पर ले जाकर टेस्ट किया गया है. तब जाकर यह बीज तैयार हुआ है. डॉक्टरों की मानें तो इस गेहूं में न्यूट्रिशस वैल्यू तो होगी ही, बल्कि जैसे डॉक्टर मोटापे वाले मरीजों को गेहूं खाने से मना करते हैं मोटापे वाले मरीज यह गेहूं आसानी से खा सकेंगे और पचा भी सकेंगे. 13 और 14 तारीख को लगने वाले किसान मेले में यह बीज किसानों के लिए उपलब्ध रहेंगे.
ये है इसके फायदे
इस गेहूं की किस्म में न्यूट्रा सिटिकल वैल्यूज हैं. इसमें रेजिस्टेंस स्टार्च का कॉन्टेंट, जो अमालियों के बढॉने से बढ़ता है वो बढ़ाया गया है. इसकी वजह से इसके दाने डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद होंगे. यह फाइबर की तरह डाइजेस्ट हो जाएगी. यह गेहूं 2024 अप्रैल महीने के बाद से बाजार में उपलब्ध रहेगी. वहीं, इस नए बीज की फसल तो कम होगी, लेकिन मार्केट में इसका रेट ज्यादा मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 14:23 IST
