स्वास्थ्य

ये 5 ग्रुप के फूड आंतों में पैदा कर सकते हैं सड़न, आज से ही बना लें दूरी, वरना हमेशा पेट पकड़े रहेंगे

ये 5 ग्रुप के फूड आंतों में पैदा कर सकते हैं सड़न, आज से ही बना लें दूरी, वरना हमेशा पेट पकड़े रहेंगे


हाइलाइट्स

जब आंत के अंदर गुड बैक्टीरिया की कमी हो जाती है तब हानिकारक बैक्टीरिया का बसेरा होने लगता है.
ज्यादा स्पाइसी यानी जिन चीजों में ज्यादा मसाले का इस्तेमाल हो, उनका सेवन नहीं करना चाहिए.

Foods That Cause Intestinal Inflammation: हर इंसान को जिंदा रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है. यह भोजन पेट में जाकर पचता है. पचने का मतलब है कि पेट में गए भोजन से शरीर पोषक तत्वों को निचोड़ लेता है और उसका विभिन्न शारीरिक क्रियाओं में इस्तेमाल करता है. हम जितने काम करते हैं, चलते हैं, दोड़ते हैं, दिमाग से सोचते हैं, सब काम में एनर्जी की जरूरत होती है. यह एनर्जी हमें भोजन से ही मिलती है. लेकिन जरा सोचिए हम जो खाते हैं यदि वह सही से पचे ही नहीं तो क्या होगा. तब हमारे शरीर का फंक्शन सही से हो ही नहीं पाएगा. यही कारण है कि इसके लिए पाचन शक्ति का मजबूत होना जरूरी है. यानी अगर हमारी आंते मजबूत होंगी तो हमारा पाचन भी सही रहेगा और हमारा शरीर भी सही से काम करेगा.

लेकिन अक्सर हमारे खान-पान में गड़बड़ी के कारण आंतों में इंफेक्शन लगना शुरू हो जाता है जिससे डाइजेशन की समस्याएं होने लगती है. इंफेक्शन तब लगता है कि जब आंत के अंदर गुड बैक्टीरिया की कमी हो जाती है और हानिकारक बैक्टीरिया का बसेरा होने लगता है. हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक अक्सर आंतों में पाए जाने वाले हेलीकोबेक्टर पायलोरी नाम के बैक्टीरिया आंतों की लाइनिंग का खराब करने लगते हैं और धीरे-धीरे यह आंत में सूजन फैलाने लगते हैं. कुछ फूड ऐसे हैं जिनसे हेलीकोबैक्टर बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं और आंतों को सड़ाने का कारण बनते हैं.

ये फूड बनते हैं आंत में सूजन का कारण

1. एनिमल प्रोटीन-मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक मीट, डेयरी और अंडा एनिमल प्रोटीन हैं. ये हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं लेकिन इनका ज्यादा सेवन करना खतरनाक हो सकता है. इससे आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया मरने लगते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. इससे आंत में इंफेक्शन होना शुरू हो जाता है और पहले इरीटेबल बाउल सिंड्रोम होता है. इसके बाद आंतों में सूजन और घाव बनाने लगते हैं. इसलिए मीट का सेवन बहुत कम करना चाहिए.

2.एंटीबायोटिक वाले फूड-बड़े किसान बकरी पालन या मुर्गा पालन बड़े पैमाने पर करते हैं. ये नहीं चाहेंगे कि उनके पास जो जानवर हैं, उनकी मौत हो जाए, इसलिए जब ये बीमार पड़ते हैं तो उन्हें एंटीबायोटिक दवा दी जाती है. इससे वह ठीक हो जाता है. लेकिन जब इसका मीट इंसान खाता है या अगर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल खुद भी करता है तो इससे आंत में गुड बैक्टीरिया मरने लगते हैं. इससे आंत में इंफेक्शन होता है.

3. फ्राइड फूड-तली-भुनी चीजें अक्सर नुकसान पहुंचाती है. इसलिए तली भुनी चीजों का कम इस्तेमाल करना चाहिए. ज्यादा इस्तेमाल करने से पेट संबंधी कई परेशानियां जैसे कि डायरिया, गैस और पेट दर्द की समस्या बढ़ जाती है. इस तरह के फूड पेट में गुड बैक्टीरिया का ग्रोथ नहीं होने देते हैं.

4. अल्कोहल-ज्यादा अल्कोहल का सेवन भी पेट में मौजूद बैक्टीरिया के जीवन को खतरे में डाल देता है. जिन लोगों को गैस या एसिडिटी की समस्या है, उनके लिए शराब का सेवन बहुत ही जोखिम वाला होता है.

5. स्पाइसी फूड-पेट की समस्या वाले लोगों का ज्यादा स्पाइसी यानी जिन चीजों में ज्यादा मसाले का इस्तेमाल हो, उनका सेवन नहीं करना चाहिए. इससे पेट में एसिडिटी और गैस बढ़ जाती है. पेट दर्द होने के बावजूद भी अगर इन चीजों से परहेज नहीं किया जाए तो पेट की बीमारी क्रोनिक बन जाती है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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