हाइलाइट्स
जब किसी महिला को कार्डिएक अरेस्ट आता है तो उसकी सांसें रूकने लगती है या सांस फूलने लगती है
इस अध्ययन के बाद लोग पहले से ज्यादा जल्दी कार्डिएक अरेस्ट को पहचान लेंगे
Symptoms of Cardiac Arrest in Men and Women: कार्डिएक अरेस्ट अकस्मात होने वाली शारीरिक घटना है जिसमें हार्ट पंप करना बंद कर देता है जिससे खून दिमाग, लंग्स और अन्य आवश्यक अंगों में पहुंचना बंद हो जाता है. इस स्थिति में हार्ट पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है और सांसें रूक जाती है. यह एक तरह से मौत के बराबर है. यदि कुछ मिनट के अंदर डॉक्टर ने समाधान नहीं निकाला तो मरीज की मौत निश्चित है. कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से अलग होता है. हार्ट अटैक खून के प्रवाह से संबंधित बीमारी है जबकि कार्डिएक अरेस्ट इलेक्ट्रिकल प्रोब्लम है. इसलिए कार्डिएक अरेस्ट ज्यादा घातक है. कार्डिएक अरेस्ट में अचनाक लक्षण सामने आते हैं. आमतौर पर कार्डिएक अरेस्ट में लोग अचानक बेहोश हो जाते हैं. लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महिला और पुरुष में कार्डिएक अरेस्ट के अलग-अलग लक्षण होते हैं. यह एकदम नई बात है. इस अध्ययन से लाखों लोगों को कार्डिएक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों से बचाई जा सकती है.
महिलाओं में सांसों की दिक्कत
ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी के मुताबिक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि जब किसी महिला को कार्डिएक अरेस्ट आता है तो उसकी सांसें रूकने लगती है या सांस फूलने लगती है लेकिन जब किसी पुरुष को कार्डिएक अरेस्ट आने वाला होता है तब उसकी छाती में दर्द होता है. अध्ययन में कहा गया कि कार्डिएक अरेस्ट आने पर महिला और पुरुष दोनों में दिल की धड़कन तेज हो जाती है और उसी रफ्तार में घबराहट भी होती है. इसके साथ ही फ्लू के लक्षण भी अचानक परेशान करने लगते हैं और कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले बेहोशी भी हो जाती है. कार्डिएक अरेस्ट के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. केवल अमेरिका में कार्डिएक अरेस्ट के कारण हर साल 4.5 लाख लोगों की मौत होती है. इसमें अचानक हार्ट ब्लड पंप करना छोड़ देता है. अगर घर पर कार्डिएक अरेस्ट हो तो इनमें से 90 प्रतिशत की मौत हो जाती है.
लक्षण के आधार पर तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत
महिला और पुरुषों में कार्डिएक अरेस्ट के अलग-अलग लक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब इस कारण इन लक्षणों के आधार पर कार्डिएक अरेस्ट से पीड़ित मरीजों का लक्षण के आधार पर तत्काल हस्तक्षेप किया जाएगा. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस निष्कर्ष के बाद लोग पहले से ज्यादा जल्दी कार्डिएक अरेस्ट को पहचान लेंगे और तुरंत डॉक्टर के पास जा सकेंगे. प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सुमीत चुघ ने बताया कि हमारा अध्ययन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अब लोग कार्डिएक अरेस्ट के लक्षणों को पहचानने में देरी नहीं करेंगे और समय रहते कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण आने पर ही अस्पताल पहुंच जाएंगे. इससे कार्डिएक अरेस्ट से होने वाली मौतों को बहुत कम किया जा सकता है. इस अध्ययन में पहले के अध्ययनों का भी विश्लेषण किया गया. इसके बाद कार्डिएक अरेस्ट के लक्षणों को स्वरूप पेश किया गया. अध्ययन के लिए 18 से 85 साल की उम्र के 800 से ज्यादा लोगों को ट्रायल में शामिल किया गया. इसके बाद कार्डिएक अरेस्ट के लक्षणों को सामने लाया गया.
समझिए हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर
इस अध्ययन में शामिल आधे लोगों को कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण एक दिन पहले आ गया. अध्ययन के मुताबिक पुरुषों में कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले छाती में दर्द और बहुत ज्यादा पसीना निकलने लगता है. वहीं महिलाओं में कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले सांस फूलने लगती और सांस लेने में दिक्कत होती है. अध्ययन में कहा गया कि महिलाओं को कार्डिएक अरेस्ट से पहले सिर्फ सांस से संबंधित दिक्कतें ही महसूस होती है. कार्डिएक अरेस्ट होते ही दिमाग, लंग्स और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है. आमतौर पर लोग कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही समझ बैठते हैं लेकिन दोनों में काफी अंतर है. हार्ट अटैक तब होता है जब खून की सप्लाई हार्ट तक नहीं होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हार्ट तक खून की पहुंचाने वाली धमनियों में में क्लॉट या कुछ चीजें जमा होने लगती है जो खून के प्रवाह को रोक देती है.
.
Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : September 06, 2023, 16:16 IST
