स्वास्थ्य

बुखार है तो होने दीजिए! माइल्ड फीवर आपको बनाएगा सेहतमंद और ताकतवर, रिसर्च में सामने आए फायदे

बुखार है तो होने दीजिए! माइल्ड फीवर आपको बनाएगा सेहतमंद और ताकतवर, रिसर्च में सामने आए फायदे


हाइलाइट्स

स्टडी में सलाह दी गई है कि यदि हल्का बुखार आ जाए तो ओवर द काउंटर बुखार की दवाई नहीं लनी चाहिए.
अध्ययन में पाया गया है कि हल्का बुखार इंफेक्शन को बहुत तेजी से क्लियर कर देता है.

Fever Beneficial for Fighting Infection: जब भी बुखार होता है, हम बहुत परेशान हो जाते हैं, तुरंत पैरासिटामोल की गोली ले लेते हैं. हालांकि माइल्ड या हल्का फीवर आपको सेहतमंद बनने का मौका देता है और इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता को तेज करता है. यह बात हम नहीं बल्कि एक नई रिसर्च में कही गई है. नए अध्ययन में पाया गया है कि हल्का बुखार इंफेक्शन को बहुत तेजी से क्लियर कर देता है. इम्यूनोलॉजी एंड इंफ्लामेशन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि माइल्ड फीवर शरीर से इंफेक्शन को तेजी से खत्म करने में मदद करता है. इतना ही नहीं, हल्का बुखार इंफ्लामेशन और टिशू डैमेज की भी मरम्मत कर देता है.

अध्ययन के प्रमुख लेखक और कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के इम्यूनोलॉजिस्ट डेनियल बारेडा ने कहा कि प्रकृति जो करती है हमें वह करने देना चाहिए. इसमें छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. इस मामले में बुखार सकारात्मक चीज है. अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर हल्का बुखार हो तो इंफेक्शन को दवाई से पहले तेजी से खत्म करता है.

कुदरती तौर पर शरीर को मजबूत बनाता
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हल्का बुखार शरीर को अपने आप चीजों को सही करने का मौका देता है. इसका मतलब है कि जब हल्का बुखार होता है तो शरीर अपने आप कुदरती तौर पर बीमारियों से लड़ने की क्षमता हासिल करता है. बिना दवाई के यह इंफेक्शन से लड़ लेता है. एक तरह से बुखार में शरीर आत्म समाधान खोज लेती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि इंसान में होने वाले नेचुरल बुखार के फायदों पर अभी और अध्ययन करने की जरूरत है लेकिन इतना तो तय है कि हल्का बुखार शरीर को कुदरती तौर पर मजबूत बनाता है.



हल्का बुखार होने पर दवा न लें

स्टडी में सलाह दी गई है कि यदि हल्का बुखार आ जाए तो ओवर द काउंटर बुखार की दवाई नहीं लनी चाहिए. इससे शरीर को कुदरती तौर पर इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता खत्म हो सकती है. यानी जब हल्का बुखार लगे ही तो तुरंत दवाई के पीछे न भागे, कुछ इंतजार करें. अगर बुखार तेज हो जाएं तभी दवा लें. बुखार होने पर आमतौर पर नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवाई दी जाती है. इससे बुखार तो कम हो जाएगा लेकिन बीमारियों के खिलाफ शरीर की जो कुदरती प्रतिक्रिया होती है, वह खत्म होने लगती है. लेकिन अगर आप हल्का बुखार होने पर दवा नहीं लेते हैं तो जब कोई इंफेक्शन होगा, तब वह दवा से पहले ठीक हो जाएगा.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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