अर्पित बड़कुल/दमोह. बुंदेलखंड इलाके में नवजात शिशु को छः महीने तक पीपली के चूर्ण को शहद के साथ चटाने का रिवाज ही नहीं है, बल्कि बच्चे को स्वस्थ रखने और शरीर में गर्माहट बनाए रखने में यह औषधि कारगर है. रोते हुए बच्चे को सुलाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा यह बहुत ही फायदेमंद है. इसमें प्रोटीन एंटी-इंफ्लेमेटरी, वसा ,कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स,अमीनो एसिड के अलावा मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं.
पिप्पली का चूर्ण कब्ज की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है. दरअसल, यह औषधि डाइजेस्टिव एजेंट की तरह काम करती है, जिससे भोजन को सही से पचाने में मदद मिलती है. साथ ही यह मल निकासी में सहयोग कर कब्ज में आराम दिलाती हैं. इस तरह पिप्पली का उपयोग कब्ज में सहायक साबित होता है.
सर्दियों में होने वाली खांसी हो जाएगी ठीक
ठंडी के मौसम में चलने वाली शीत हवाओं से अक्सर लोगों को जुखाम, सर्दी और खांसी हो जाती है. जिससे बचाव के लिए शहद के साथ पीपली का सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है, क्योंकि इसकी तासीर इतनी गर्म होती है कि यह हमारे शरीर को गर्म रखता है, जो लोग अपच, गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग की समस्या से परेशान रहते हैं, तो उनके लिए यह पीपली रामबाण औषधि है. काढ़ा बनाकर दिन में एक बार सेवन करने से इसमें मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स अपच की समस्या से छुटकारा दिलाने में काफी हद तक मददगार है.
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. दीप्ति नामदेव ने बताया कि यह एक औषधिय पौधा है. छोटे बच्चों को बचपन से सर्दी, जुखाम जैसे संक्रमित बीमारियां घेर लेती हैं, जिनसे छुटकारा पाने के लिए पीपली के चूर्ण को शहद के साथ चटाने पर सर्दी, खांसी, जुखाम ठीक हो जाता है. इसका इस्तेमाल बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी को करना चाहिए, वहीं आयुर्वेद के दृष्टिकोण से गठिया बाद, फ्रेश स्कीन, पाचनतंत्र को मजबूत करता है.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 16:26 IST
