हाइलाइट्स
गॉल ब्लैडर लिवर के नीचे एक छोटा और स्टोरेज ऑर्गन होता है.
प्रेग्नेंसी में और उसके बाद भी यह समस्या होना सामान्य है.
गॉल ब्लैडर प्रॉब्लम्स से राहत पाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरुरी है.
Gallbladder problem in pregnancy – गॉल ब्लैडर लिवर के नीचे एक छोटा ऑर्गन होता है. यह लिवर द्वारा प्रोड्यूज होने वाले एक्स्ट्रा बाइल को स्टोर करता है, जो शरीर को फैट पचाने में मदद करता है. गॉल ब्लैडर प्रॉब्लम्स प्रेग्नेंसी और प्रेग्नेंसी के बाद होना सामान्य है. इसका कारण इस दौरान होने वाले हॉर्मोनल चैंजेज हैं. गॉलस्टोन्स के कारण अधिकतर मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते और यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है. लेकिन, इससे गंभीर दर्द और इंफेक्शन हो सकता है. अगर आपको प्रेग्नेंसी में गॉल ब्लैडर की समस्या है, तो आपको डायट में बदलाव करने चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए. इसके साथ ही आपको दवाईयों या गॉल ब्लैडर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है. आइए, जानें प्रेग्नेंसी में या प्रेग्नेंसी के बाद होने वाली गॉल ब्लैडर प्रॉब्लम्स के बारे में.
प्रेग्नेंसी और प्रेग्नेंसी के बाद में गॉल ब्लैडर प्रॉब्लम्स
हेल्थलाइन के अनुसार जैसा कि पहले ही बताया गया है कि गॉलस्टोन्स प्रेग्नेंसी और प्रेग्नेंसी के बाद होना सामान्य है. एस्ट्रोजन एक प्रेग्नेंसी हॉर्मोन है, जिससे कोलेस्ट्रॉल सेक्रेशन बढ़ता है. इसी समय अन्य प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टेरोन पूरे शरीर में मस्कुलर टिश्यू को रिलैक्स करने और बाइल के रिलीज करने का कारण बनता है। यह गॉल्स्टोन का कारण बन सकता है, जो गॉल ब्लैडर में बनने वाले हार्ड डेपोसिट्स हैं. इस दौरान गॉल ब्लैडर प्रॉब्लम्स के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
-अधिक खुजली होना
-पीलिया
-यूरिन का सामान्य से अधिक डार्क होना
-गैस
-एब्डोमिनल ब्लोटिंग
इसके उपचार के लिए डॉक्टर कुछ मेडिकेशन्स दे सकते हैं. इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल चेंजेज भी जरूरी हैं.
प्रेग्नेंसी के बाद गॉल ब्लैडर डिजीज
डिलीवरी के दो से चार महीने बाद गॉल ब्लैडर के लक्षणों का अनुभव होना असामान्य नहीं है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि नौ महीनों के दौरान प्रेग्नेंसी हार्मोन इस समस्या को बढ़ा सकते हैं और चीजों को नार्मल होने में कुछ समय लगता है. इस समस्या का एक कारण डिलीवरी के बाद लगातार वजन कम होना भी हो सकता है. प्रेग्नेंसी के बाद गॉलस्टोन्स के डेवलप होने के रिस्क को कम किया जा सकता है. इसके लिए हाई फाइबर डायट लें, एक्सरसाइज करें, गर्भावस्था के दौरान सही मात्रा में वजन बढ़ाएं आदि.
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Tags: Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 22, 2022, 22:22 IST
