स्वास्थ्य

पारा चढ़ने पर हीट स्‍‍ट्रोक ही नहीं ये 4 बीमारियां करती हैं सबसे ज्‍यादा परेशान, डॉक्‍टर मनाली से जानें बचाव के उपाय

पारा चढ़ने पर हीट स्‍‍ट्रोक ही नहीं ये 4 बीमारियां करती हैं सबसे ज्‍यादा परेशान, डॉक्‍टर मनाली से जानें बचाव के उपाय


Ailments in Summer: जून के महीने भीषण गर्मी पड़ रही है. सूरज का पारा चढ़ने के साथ ही कई बीमारियों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है. गर्मी के मौसम में सिर्फ पानी की कमी या हीट स्‍ट्रोक ही नहीं बल्कि चार ऐसी बीमारियां हैं जो सबसे ज्‍यादा परेशान करती हैं. जैसे-जैसे तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ता जाता है स्‍वास्‍थ्‍य के लिए परेशानियां शुरू हो जाती हैं हालांक‍ि स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए और ध्‍यान रखा जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्‍ली में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट डॉ. मनाली अग्रवाल News18hindi से बातचीत में गर्मी में होने वाली चार कॉमन बीमारियों के लक्षणों से लेकर इनसे बचाव के तरीकों के बारे में बता रही हैं.

1. फंगल इन्‍फेक्‍शन- गर्मी के मौसम में फंगल या डर्मेटेफाइट इन्‍फेक्‍शन होना आम बात है, जैसे रिंगवॉर्म, नाखूनों में संक्रमण और रैशेस. यह परेशानी शरीर की उन जगहों पर होती है जहां पसीना इकठ्ठा हो जाता है और गर्म व नमी के चलते फंगस आ जाती है.

लक्षण- इसके लक्षणों में उस जगह का लाल पड़ जाना, खुजली और सूजन आना शामिल है.

बचाव- इससे बचाव के लिए जरूरी है क‍ि अपनी साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखें, संक्रमण न फैले इसके लिए जरूरी है क‍ि हाथों को बार-बार धोते रहें. स्‍टेरॉइड वाली क्रीमों का इस्‍तेमाल न करें. डॉक्‍टर द्वारा दिए गए क्रीम और लोशनों का इस्‍तेमाल करें.

2. फूड पॉइजनिंग- जब भी तापमान बढ़ता है और गर्मी पड़ती है तो गैस्‍ट्रोएंट्राइटिस और फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है. ये बीमारियां संक्रमित भोजन या पानी के सेवन या फिर तापमान बढ़ने से खराब हुए खाने की वजह से होता है. यह आमतौर पर ई-कोली और सालमोनेला बैक्‍टीरिया या वायरस जैसे नोरोवायरस आदि की वजह से होता है.

ऐसे करें बचाव- तला-भुना, ऑइली, सॉलिड फूड खाने से बचें. एल्‍कोहॉल, शुगरी ड्रिंक्‍स, कैफीन या निकोटिन वाले पेय न लें. ताजा और सुपाच्‍य खाना खाएं. छाछ, कोकोनट वॉटर, दही-चावल, खिचड़ी, उबले आलू, फल और जूस आदि लें. शरीर में पानी की कमी न होने दें. डॉक्‍टर की सलाह के बिना दवाएं न लें. शरीर का तापमान और पल्‍स जांचते रहें.

खाने को लेकर रखें ये बातें याद- खाने को पूरी तरह पकाएं. बचे हुए खाने को जल्‍दी से जल्‍दी रेफ्रिजरेटर में लगा दें. खासतौर पर फल, सलाद, मीट या जल्‍दी खराब होने वाले खाने को लेकर ध्‍यान रखें. फ्रिज के तापमान को सही रखें. कच्‍चे फल या सब्जियों को खाने से पहले अच्‍छे से धो लें. हाथों को साफ रखें. बाहर के खाने को अवॉइड करें. खाना पकाते वक्‍त साफ-सफाई रखें.

3. डिहाइड्रेशन या हीट स्‍ट्रोक- गर्मियों में लंबे समय तक हीट में रहने के कारण शरीर का कूलिंग सिस्‍टम काम करना बंद कर देता है. इसमें शरीर से पसीने के रूप में पानी और नमक बाहर चला जाता है और हीट स्‍ट्रोक या डिहाइड्रेशन की समस्‍या हो जाती है.

लक्षण- डिहाइड्रेशन या हीट स्‍ट्रोक होने पर शरीर का तापमान 103 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच जाता है. नब्‍ज तेज हो जाती है, त्‍वचा पर लाल चकत्‍ते पड़ जाते हैं. सिरदर्द, कन्‍फ्यूजन, झुंझलाहट और बोलने में परेशानी, बेहोशी, ज्‍यादा पसीना, उल्‍टी या जी मिचलाना और मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी होती है.

ये करें उपाय- अगर किसी को हीट स्‍ट्रोक या डिहाइड्रेशन की समस्‍या होती है तो उसे तुरंत कोकोनट वॉटर, बटरमिल्‍क और नींबू का पानी दें. उसे ठंडे पानी से नहलाएं, एसी या कूलर में लिटा दें.

4. सनबर्न- जून की गर्मी में सूरज की रोशनी में ज्‍यादा रहने पर त्‍वचा को भारी नुकसान पहुंचता है. इससे त्‍वचा जल जाती है, लाल या काली पड़ जाती है. कई दिनों तक स्किन में जलन होती रहती है और त्‍वचा छिल जाती है.

क्‍या करें- जब भी सूरज की रोशनी में बाहर जाएं तो सनस्‍क्रीन जरूर लगाएं. सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें. कोशिश करें कि घर में ही रहें. बाहर जाएं तो चेहरे को ढककर जाएं. पानी या जूस पीते रहें.

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Tags: Health, Heat stress, Heat Wave, Trending news in hindi



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