आमतौर पर खाना खाने के बाद दांतों में भोजन के कुछ अंश फंस जाते हैं. इन्हें हम टूथ पिक या किसी अन्य चीज से निकालने की कोशिश करते हैं. लेकिन, दांतों की सफाई या फिर इसमें फंसी चीजें निकालने का यह तरीका उचित नहीं है. इससे आपकी दांते कमजोर होती हैं और लंबे समय में इसका गंभीर परिणाम दिख सकता है. हो सकता है कि 50 की उम्र पार करते-करते आपकी दांतें गिरने लगे. दरअसल, आज हम दांतों की सेहत को लेकर बात कर रहे हैं. इसमें सबसे अहम मुद्दा है कि आप खाने के बाद दांतों में फंसे भोजन के अंश कैसे निकालें. आमतौर पर इसके के लिए टूथपिक का इस्तेमाल करते हैं. टूथपिक लड़की से बनाए गए नुकीले स्टीक होते हैं. लेकिन, डेंटिस्ट इस तकनीक का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह देते हैं. इसके इस्तेमाल से आपको कई परेशानी आ सकती हैं.
टूथपिक का इस्तेमाल दांतों के लिए खतरनाक हो सकता है. यह दो दांतों के बीच फंसी चीजों को निकालने के बजाया खुद उसमें फंस सकता है. इससे मसूड़े चोटिल हो सकते हैं. उनसें इंफेक्शन लग सकता है. इतना ही नहीं, टूथपिक का इस्तेमाल करने पर अक्सर मसड़ों से खून निकल जाता है. इससे उसमें सूजन, मवाद और यहां तक कि इंफेक्शन लग जाता है. कुल मिलाकर मसूड़ों के चोटिल होने का सीधा असर हमारी दांतों पर पड़ता है. दांतों की मजबूती के लिए स्वस्थ मसूड़ें सबसे बड़ी जरूरत है. टूथपिक के इस्तेमाल का दूसरा सबसे नकारात्मक असर दो दांतों के बीच गैप बढ़ने के रूप में होता है. आमतौर पर दो स्वस्थ दांतों के बीच गैप मामूली होता है. हम उसमें फंसे भोजन के अंश निकालने के लिए टूथपिक का जोर-जबर्दस्ती के साथ इस्तेमाल करते हैं. इससे दांतों के बीच कई बार टूथपिक खुद फंस जाता है. ऐसे में नियमित रूप में टूथपिक का इस्तेमाल दांतों के बीच गैप बढ़ाने लगता है. इससे दांतें कमजोर होने लगती हैं. उनका एक दूसरे के साथ सपोर्ट खत्म होने लगता है. ऐसे में इनके जल्दी टूटे का खतरा बढ़ जाता है.
एसिडिटी में कोल्ड ड्रिंक्स पीने से तुरंत मिलती है राहत? ऐसा समझना बेवकूफी या समझदारी
टूथपिक नहीं इन तकनीक से करें दांतों की सफाई
टूथपिक नहीं बल्कि दो दांतों के बीच फंसे भोजन के अंश को निकालने के लिए आपको डेंटल फ्लॉस (Dental Floss) तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. इसमें हम धागे का इस्तेमाल करते हैं. यह दांतों के बीच फंसे भोजन के अंश को निकालने का सबसे सेफ तरीका है. वैसे तो मेडिकल स्टोर पर डेंटल फ्लॉस तकनीक से जुड़े कई उपकरण भी मिलते हैं. लेकिन, आप आसानी से घर पर ही इसे बना सकते हैं. इस तकनीक में आपको केवल कुछ सेंटीमीटर लंबे धागे की जरूरत पड़ती है. आप कॉटेन के धागे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसको इस्तेमाल करना भी बेहद आसान है. आप धागे के दोनों सिरे को दोनों हाथ की ऊंगलियों में लपेट कर दो दांतों के बीच डाल सकते हैं. ऐसा करने से दांतों के बीच फंसे भोजन के अंश निकल जाते हैं. साथ ही मसूड़े चोटिल नहीं होते. उनसे ब्लड निकलने का खतरा बिल्कुल नहीं रहता. साथ ही दांतों के बीच गैप नहीं बढ़ता, क्योंकि इस तकनीक में दांतों पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पैदा होता. डेंटिस्ट भी इसी तकनीक से दांतों की सफाई करने की सलाह देते हैं.
कब करें डेंटल फ्लॉस तकनीक का इस्तेमाल
आमतौर पर लोग सुबह में एक बार ब्रश करते हैं. लेकिन डेंटिस हमें शाम-सुबह दोनों समय ब्रश करने की सलाह देते हैं. इसका मकशद यह है कि सोने से पहले दांतों में फंसे भोजन के अंश को पूरी तरह निकालना. भोजन के अंश छूट जाने के कारण सोते समय दांतों में सड़न होगी और उससे आपके मसूड़े और दांत में बैक्टेरिया फैलेंगे. इससे दांतों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. ऐसे में शाम में डिनर के बाद ब्रश करने की सलाह देने के पीछे लॉजिक यही है कि सोने से पहले दांतों को पूरी तरह साफ करना. ऐसे में डिनर के बाद ब्रश के साथ आप डेंटल फ्लॉस तकनीक इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपको फील हो रहा है कि आपकी दांतों में भोजन के अंश फंसे हुए हैं तो उनको सोने से पहले जरूर साफ कर ही सोएं. वरना इससे धीरे-धीरे आपको कैबिटी की समस्या आएगी दांत कमजोर पड़ने लगेंगे.
.
Tags: Health News
FIRST PUBLISHED : May 25, 2023, 13:06 IST
