हाइलाइट्स
छींक रोकने से रप्चर इयर ड्रम की समस्या का शिकार हो सकते हैं.
जब हमारी नाक में बाहरी कण चले जाते हैं, तब छींक आती है.
Danger of holding Sneeze: जब हमारी नाक में कोई गंदगी, धूल-मिट्टी या मोल्ड के कण चले जाते हैं, तब छींक आ जाती है. नाक में थोड़ा असहज महसूस होने पर अचानक से छींक आ जाती है. छींक आना कई तरीकों से लाभदायक है क्योंकि यह आपको बीमार होने से बचाती है. छींक आने से कई तरह के इंफेक्शन से बचाव करने में मदद मिल सकती है. छींक आने से आपको राहत महसूस होती है और नाक की सारी सेटिंग वापस पहले जैसी हो जाती हैं. छींक को कभी भी रोकना नहीं चाहिए. ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. आइए जानते हैं छींक रोकने के नुकसान.
छींक रोकने के नुकसान
हेल्थलाइन डॉट कॉम के मुताबिक छींक रोकने से कानों में प्रेशर पैदा होने के कारण रप्चर इयर ड्रम की समस्या देखने को मिल सकती है. अगर यह ज्यादा बार देखने को मिलता है तो इससे कम सुनाई देने की समस्या हो सकती है. हो सकता है नाक में किसी तरह का बैक्टीरिया हो और अगर छींक के जरिए बैक्टीरिया बाहर न निकाला जाए तो वह कान तक पहुंच सकता है और कान के इंफेक्शन का कारण बन सकता है.
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हो सकती हैं ये समस्याएं
छींक रोककर रखने से आंख, नाक और इयर ड्रम्स की ब्लड वेसल्स कमजोर हो सकती हैं. इससे आंख और नाक लाल हो सकते हैं और उनकी दिखावट में भी कमी देखने को मिल सकती है. कई बार प्रेशर में बनी हवा डायाफ्राम के अंदर फंस जाती है और फेफड़ों से जाकर टकरा जाती है. ऐसा होना बहुत कम केसों में देखा जाता है. इसका बुरा असर हेल्थ पर पड़ता है.
पसली हो सकती हैं डैमेज
वैसे तो ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है लेकिन कई बार छींक रोक लेने से गले में भी बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इससे बोलने और कोई चीज निगलने में भी समस्या आ सकती है. बुजुर्गों में छींक रोक कर रखने से हवा में प्रेशर इकठ्ठा होने की वजह से पसली भी डेमेज हो सकती हैं.
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Tags: Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 16:47 IST
