स्वास्थ्य

छाती में है दर्द… तो यह गलती भूलकर भी न करें, वरना पड़ सकती है भारी, जानें एक्सपर्ट की सलाह

छाती में है दर्द... तो यह गलती भूलकर भी न करें, वरना पड़ सकती है भारी, जानें एक्सपर्ट की सलाह


कमल पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल.हृदय रोग यानी की दिल की बीमारी, इसमें अधिकतर कार्डियक अरेस्ट की संभावनाएं बनी रहती है, जिससे जान जाने का खतरा रहता है. ऐसे में सही समय पर उपचार न होना खतरनाक हो सकता है. हृदय मानव शरीर का एक अहम अंग है, अतः इसका खासा ख्याल रखना चाहिए, लेकिन कई लोग छाती में दर्द की शिकायत को हल्के में लेते हैं ओर खुद ही गूगल या अन्य देशी नुस्खे से इलाज शुरू कर देते हैं, जो शरीर के लिए खासतौर पर दिल के लिए घातक साबित हो सकता है. दिल को पोषण एवं ऑक्सीजन खून के माध्यम से मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा हृदय तक पहुँचाया जाता है. इस दौरान रक्त प्रवाह में किसी तरह की बाधा होने से भी हार्ट अटैक की संभावना रहती है. मुख्य रूप से हृदय से संबंधित चार रोग हैं- हृदयाघात (हार्ट अटैक), रुमेटिक हृदय रोग, जन्मजात खराबियां और हृदय की विफलता यानी पेरिकार्डियल बहाव.

गूगल से न करें इलाज

उत्तराखंड के श्रीनगर अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमन उपाध्याय का कहना है कि दिल संबंधी बीमारी में कुछ गलतियां हानिकारक होती हैं और कुछ जानलेवा साबित हो सकती हैं. लिहाजा हार्ट से संबंधित बीमारियों या फिर शिकायत होने पर गूगल कर खुद ही उपचार करना शुरू न कर दें. यह जानलेवा साबित हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपकी छाती में दर्द है, तो सबसे अच्छा तरीका नजदीकी अस्पताल में जाकर ईसीजी कराना है, जिससे कि समस्या का मूल कारण पता चल सके. वह बताते हैं कि भारत में हार्ट अटैक आने की संभावनाएं 10 साल पहले की है. अगर यूरोपीय देशों में हार्ट अटैक आने की औसत उम्र 50 साल है, तो भारत में यह 40 साल है.

खानपान व जीवनशैली बीमारी का बड़ा कारण

पहाड़ के लोगों में भी बदलते वक्त के साथ हृदय रोग संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. इसके पीछे का बड़ा कारण खानपान में बदलाव है. पहले पहाड़ के लोग जैविक स्वनिर्मित भोजन करते थे, लेकिन अब मार्डन कल्चर के साथ फास्ट फूड व अन्य शारीरिक गतिविधियों में आये बदलाव के कारण यह समस्या देखने को मिल रही है. डॉ उपाध्याय बताते हैं कि पहाड़ों में धूम्रपान भी प्रचलित है, यह भी हृदय रोग का एक कारक है.

ऐसे रखें हार्ट को हेल्थी

डॉ उपाध्याय का कहना है कि अगर आप अपने हार्ट को हेल्थी रखना चाहते हैं, तो कम से कम आधा घंटा प्रतिदिन वॉक करें. अगर ब्लड प्रेशर या शुगर की बीमारी है, तो नियमित दवाइयों का सेवन करें. अगर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, तो रोजाना पैदल चलने से भी हृदय रोगों से दूर रहा जा सकता है. यह अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की भी हिदायत रहती है.

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