स्वास्थ्य

गेंहू-जौ से ज्‍यादा पॉष्टिक है इस अनाज का आटा, ग्‍लूटन फ्री अन्‍न इन 3 बीमारियों का है काल, व्रत में भी करते हैं इस्‍तेमाल

गेंहू-जौ से ज्‍यादा पॉष्टिक है इस अनाज का आटा, ग्‍लूटन फ्री अन्‍न इन 3 बीमारियों का है काल, व्रत में भी करते हैं इस्‍तेमाल


हाइलाइट्स

भारत में कुट्टू का आटा व्रत-उपवास में खाया जाता है.
यह आटा ग्‍लूटन फ्री होता है शुगर मरीजों के लिए दवा का काम करता है.

What are advantages of eating Buckwheat: आमतौर पर रोटी बनाने के लिए घरों में गेंहू का आटा ही इस्‍तेमाल होता है. कुछ जगहों पर चना और जौ को भी गेंहू के आटे में मिलाते हैं, वहीं सर्दियों में मक्‍की और बाजरा यानि श्रीअन्‍न की रोटियां भी बनाई जाती हैं. ये सभी अनाज सेहत के लिए जरूरी और पॉष्टिक होते हैं, यही वजह है कि इनको रोजाना खाने में इस्‍तेमाल किया जाता है लेकिन क्‍या आप ऐसे अनाज के बारे में जानते हैं जो अन्‍न भी नहीं है, उसे व्रत और उपवास में भी खाया जा सकता है लेकिन गेंहू-जौ से भी ज्‍यादा पॉष्टिक और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होता है. यह डायबिटीज की बीमारी में भी रामबाण दवा का काम करता है. आइए आज आपको बताते हैं इसके बारे में…

भारत के हिमालयी क्षेत्र में उगाई जाने वाली यह फसल कम उपयोग में लाई जाती है लेकिन बढ़ते डायबिटीज के मामलों में आयुर्वेद चिकित्‍सकों और नेचुरापैथ द्वारा इस अनाज को खाने की सलाह देने के बाद अब लोग इसका इस्‍तेमाल करने लगे हैं. यह अनाज है कुट्टू. कहीं इसे ओगला, ओगल तो कहीं काठू भी कहा जाता है.

ये भी पढ़ें- रोजाना कितने बादाम खाना है जरूरी? ब्रेन होगा मजबूत, स्किन भी करेगी ग्‍लो, डॉक्‍टर से जान लें संख्‍या

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद नई दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍यवेत्‍ता विभाग की ओर से न्‍यूट्रीशन वीक में कुट्टू पर जारी रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो कुट्टू अनाज में नहीं आता लेकिन इसके दाने और बीज होने के कारण इसे अनाज में शामिल किया गया है, फिर भी यह अन्‍न नहीं है और व्रत व उपवास में खाया जाता है. कुट्टू के आटे में अमीनो एसिड्स की संतुलित मात्रा होने के साथ ही लिपिड, खनिज, प्रोटीन, बायोएक्टिव फ्लेवोनोइड्स और लाभदायक स्‍टार्च पाया जाता है.

गेंहू से ज्‍यादा प्रोटीन, ग्‍लूटन फ्री भी
एआईआईए की स्‍वास्‍थ्‍यवेत्‍ता विभाग की प्रोफेसर मेधा कुलकर्णी बाताती हैं कि कुट्टू में अन्य अनाजों जैसे गेहूं, जौ, राई और जई की तुलना में प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक होती है. इसमें दूध और अंडे की जर्दी से मिलने वाले पोषण के बराबर अमीनो एसिड होता है. अपने अनूठे अमीनो एसिड प्रोफाइल और सल्फर युक्त अमीनो एसिड के कारण कुट्टू में प्रोटीन की मात्रा उच्च पाचन क्षमता वाली होती है. जो अमीनो एसिड लाइसिन अन्‍य अनाजों में नहीं होता और दाल के साथ उसकी पूर्ति की जाती है, वह इसमें प्रचुर मात्रा में होता है.

इसके अलावा कुट्टू ग्‍लूटन फ्री भी होता है. जिन लोगों को गेंहू खाने से परेशानियां होती हैं या जो ऐसी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं उनके लिए कुट्टू बेहद उपयोगी है.

आटे के अलावा भी हैं कुट्टू के उपयोग
कुट्टू के पौधे की कोमल पत्तियों को चटनी और सब्जी करी जैसे व्यंजन बनाने में भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है. वहीं कुट्टू के पौधे के रस का उपयोग शहद बनाने के लिए होता है. कुट्टू के बीजों से भारत में पॉप्ड फूड बनाया जाता है. सामान्‍य तौर पर कुट्टू के आटे का इस्‍तेमाल भारत में खासतौर पर व्रत का भोजन जिसमें पूरी, पकोड़ी या रोटी बनाने में किया जाता है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण
कुट्टू के आटे में एमाइलोपेक्टिन स्टार्च और प्रतिरोधी स्टार्च की तुलना में अच्छी मात्रा में एमाइलोज होता है. इसमें 51 से 70 तक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. ऐसे में डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए इसका इस्‍तेमाल बेहद फायदेमंद है.

कैंसर-हार्ट डिजीज में भी फायदेमंद
कुट्टू में लिपिड कम होते हैं और ओलिक और लिनोलिक जैसे असंतृप्त फैटी एसिड काफी मात्रा में होते हैं जो हृदय रोगों, कैंसर, सूजन और मधुमेह के खिलाफ स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं. इसमें विटामिन, खनिज, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, पाइरिडोक्सिन, फोलेट बड़ी मात्रा में मिलते हैं.

मोटापे का है काल
इसमें आहारीय फाइबर अन्‍य अनाजों से अधिक या उनके बराबर होता है जिसमें 5 फीसदी घुलनशील आहार फाइबर और 2-3% अघुलनशील आहार फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के खिलाफ काम करता है. इसे खाने से कम समय में ही वजन घटाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- वजन बढ़ाने का ये है बेस्‍ट तरीका, चेहरे पर भी आ जाएगा ग्‍लो, तंदुरुस्‍त होने के लिए गौतम बुद्ध की तरह बैठकर करें ये काम

Tags: Health, Lifestyle, Trending news



Source

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top