हाइलाइट्स
आप जितना खाते हैं और उससे बने कैलोरी खर्च नहीं होता तो यह ट्राइग्लिसराइड्स में बदलने लगता है.
रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
High Triglycerides: जब भी दिल की सेहत की बात आती है कोलेस्ट्रॉल के साथ ही ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल की भी चर्चा की जाती है. अगर हाई एलडीएल के साथ ट्राइग्लिसराइड्स भी बढ़ा हो तो हार्ट अटैक का चांस कई गुना बढ़ जाता है. ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का फैट है. ट्राइग्लिसराइड्स बिना यूज वाले कैलोरी को स्टोर कर रखता है और शरीर को इससे एनर्जी देता है लेकिन ट्राइग्लिसराइड्स की शरीर में बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है. इसलिए जब ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल खून में बढ़ जाता है तो यह दिल की सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है.
ट्राइग्लिसराइड्स लिपिड है लेकिन यह कोलेस्ट्रॉल से अलग है. जब हम भोजन करते हैं तब इसे कैलोरी में बदलने के लिए तुरंत ट्राइग्लिसराइड्स की आवश्यकता नहीं होती है. ट्राइग्लिसराइड्स फैट सेल्स में जमा होने लगता है. बाद में एनर्जी के लिए हार्मोन इसे रिलीज कर देता है. ट्राइग्लिसरसाइड्स खून की नलियों में दौड़ता रहता है. इसलिए जब यह ज्यादा हो जाता है तो खून की नलियों में परेशानी बढ़ जाती है.
धमनियों के लिए क्यों है दुश्मन
मायो क्लिनिक के मुताबिक खून में ट्राइग्लिसराइड्स की ज्यादा मात्रा धमनियों को सख्त करने लगता है. यानी धमनियों की दीवाल पतली होने लगती है. इसे आर्टियोस्केलरोसिस कहते हैं. जब धमनियां हार्ड और पतली होने लगेगी तो इसके फटने का डर रहेगा और इससे खून के प्रवाह को आगे पहुंचने में दिक्कत होगी. इससे खून निर्बाध गति से हार्ट तक नहीं पहुंचेगा. इसका नतीजा होगा कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का जोखिम कई गुना बढ़ जाएगा.
हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कैसे करें कंट्रोल
1. रेगुलर एक्सरसाइज-रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इससे गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा जिससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम हो जाएगा.
2. मीठा खाना कम करें-आप जितना खाते हैं और उससे बने कैलोरी खर्च नहीं होता तो यह ट्राइग्लिसराइड्स में बदलने लगता है. खासकर के कार्बोहाइड्रेट के ज्यादा होने पर यह ट्राइग्लिसराइड्स में ज्यादा परिवर्तित होता है. इसलिए ज्यादा मीठा खाएंगे तो ज्यादा कार्बोहाइड्रेट शरीर में बनेगा. इससे हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया हो जाएगा.
3.वजन कम करें-ज्यादा वजन का मतलब है कि शरीर में ज्यादा कैलोरी जमा होगा. कैलोरी के साथ ट्राइग्लिसराइड्स भी जमा होते जाएगा. इसलिए वजन कम करने से ट्राइग्लिसराइड्स भी कम होने लगता है.
4.हेल्दी फैट खाएं-एनिमल प्रोडक्ट में सैचुरेटेड फैट होता है जो बेहद हानिकारक होता है जबकि प्लांट में हेल्दी फैट पाया जाता है. ऑलिव ऑयल, केनोला ऑयल, फिश, सेलमन मछली आदि में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो हेल्दी फैट होता है. इन चीजों का सेवन करें.
5.अल्कोहल को छोड़ें-सिगरेट और शऱाब दोनों ट्राइग्लिसराइड्स के लिए दुश्मन है. अल्कोहल में हाई कैलोरी और शुगर होता है जो ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा देता है.
ट्राइग्लिसराइड्स का नॉर्मल रेंज कितना होना चाहिए.
खून में ट्राइग्लिसराइड्स का नॉर्मल रेंज 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या 1.7 मिलीमोल प्रति लीटर तक होना चाहिए. यदि 150 से 199 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर है तो इसका मतलब है कि आपके खून में ट्राइग्लिसरराइड्स का स्तर बॉर्डरलाइन पर आ गया है. अगर यह 200 से ज्यादा हो गया है तो इसे हाई ट्राइग्लिसराइड्स माना जाएगा.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 23, 2023, 06:40 IST
