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क्या होता है शिन स्प्लिंट्स? रनर्स को क्यों होती है इससे दिक्कत, जानिए इसके कारण और निदान

क्या होता है शिन स्प्लिंट्स? रनर्स को क्यों होती है इससे दिक्कत, जानिए इसके कारण और निदान


हाइलाइट्स

शिन स्प्लिंट्स होने पर पैरों में दर्द हो सकता है.
दौड़ने से पिड़लियों में चोट आ सकती है.
इस समस्‍या से बचने के लिए जरूरी है कि सावधानी बरतना.

How To Avoid Shin Splints: क्‍या दौड़ते समय पैरों की पिंडलियों में दर्द का अनुभव करते हैं या लंबी वॉक के बाद पैरों में दर्द महसूस होता हैं, यदि ऐसा है तो ये शिन स्प्लिंट्स के लक्षण हो सकते हैं. ये समस्‍या अक्‍सर रनर्स को होती है जो मीलों दौड़ते हैं. हालांकि ये एक सामान्‍य समस्‍या है जिसमें हल्‍का और तेज दर्द हो सकता है. शिन स्प्लिंट्स होने पर चलने के अलावा बैठने में भी दर्द हो सकता है. वैसे तो ये समस्‍या अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन पैर का अधिक प्रयोग करने पर मांसपेशियां क्षतिग्रस्‍त भी हो सकती हैं. शिन स्प्लिंट्स उन लोगों को अधिक परेशान कर सकता है जिन्‍हें पहले कभी पैर में चोट या मोच आई हो. इस समस्‍या से छुटकारा पाने के लिए विशेष देखभाल की आवश्‍कता होती है. इसके साथ ही दौड़ते समय यदि कुछ बातों का ध्‍यान रखा जाए तो इस समस्‍या को अवॉइड किया जा सकता है.

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क्‍या है शिन स्प्लिंट्स
द हेल्‍दी डॉट कॉम के अनुसार शिन स्प्लिंट्स नए और अनुभवी दोनों तरह के रनर्स के लिए एक आम चोट है. ये समस्‍या डांसर्स, लॉन्‍ग डिस्‍टेंस वॉकर और हाई इंपेक्‍ट एक्‍सरसाइज करने वालों को भी हो सकती है. मूल रूप से पिंडली की ऐंठन हाई इंटेनसिटी एक्‍सरसाइज या रनिंग के कारण होती है जो मांसपेशियों और हड्डी के टिशूज को प्रभावित करती है. जिस वजह से पैर के निचले हिस्‍से में सूजन और दर्द हो सकता है. इस स्थिति को शिन स्प्लिंट्स कहा जाता है. कम्‍पार्टमेंट सिंड्रोम, पोस्‍टीरियर टिबियलिस टें‍डोनाइटिस और फ्लेक्‍सर हॉल्‍यूसिस टेंडोनाइटिस जैसी चोटें भी शिन स्प्लिंट्स का ही हिस्‍सा हैं.

शिन स्प्लिंट्स के लक्षण
– दौड़ने या चलने में पिंडलियों में दर्द
– पैर को छूने में दर्द
– पैरों में सूजन
– शिन में अकड़न

शिन स्प्लिंट्स के कारण
– इंप्रॉपर ट्रेनिंग
– नींद पूरी न होना
– रनिंग की शुरुआत करना
– हाई बॉडी मास इंडेक्‍स
– लापरवाही

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कैसे करें शिन स्प्लिंट्स को अवॉइड


सही ट्रेनिंग लें: इस समस्‍या को अवॉइड करने के लिए जरूरी है कि सही ट्रेनिंग ली जाए. कम समय में तेज दौड़ने का प्रयास न करें.
शरीर की सुनें: फिटनेस समय के साथ बनती है, एकदम से नहीं. शरीर को अधिक मेहनत करने के लिए फोर्स न करें. शरीर को रेस्‍ट भी कराएं.
हेल्‍दी डाइट लें: सफलता के लिए शरीर को प्रॉपर ईंधन देना भी जरूरी है. ट्रेनिंग के साथ हेल्‍दी डाइट पर भी फोकस करें.
पर्याप्‍त नींद लें: सोने से शरीर को एनर्जी मिलती है इसलिए तनावभरे दिन के बाद शरीर को पर्याप्‍त नींद लेने दें.
एक्‍सरसाइज करें: दौड़ने के अलावा अन्‍य एक्‍सरसाइज भी करें. जैसे एरोबिक्‍स, साइ‍कलिंग और फुटबॉल खेलें. इससे शरीर अधिक लचीला होता है.
शरीर को मजबूत बनाएं: शरीर को मजबूत बनाने के लिए स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करें. इससे परफॉर्मेंस में सुधार आता है.
शिन स्प्लिंट्स किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन इस दौरान पूरा रेस्‍ट और उपचार करने से ये समस्‍या जल्‍द ठीक हो जाती है. इस समस्‍या से बचने के लिए कुछ चीजों पर ध्‍यान देना जरूरी है. साथ ही समस्‍या बढ़ने पर चिकित्‍सक से संपर्क करें.

Tags: Health, Lifestyle



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