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क्या आप भी मसल्स के लिए व्हे प्रोटीन का करते हैं इस्तेमाल? किसको है फायदा, किसे है नुकसान? जानें सारी बात

क्या आप भी मसल्स के लिए व्हे प्रोटीन का करते हैं इस्तेमाल? किसको है फायदा, किसे है नुकसान? जानें सारी बात


हाइलाइट्स

व्हे प्रोटीन उस पानी से बनता है जो चीज या घी बनाने के दौरान मट्ठा निकालने या घी निकालने के बाद बच जाता है.
व्हे प्रोटीन में सभी 9 आवश्यक एमिनो एसिड होता है.

What is Whey Protein: पिछले कुछ सालों से डायट्री सप्लीमेंट का इस्तेमाल तेजी से होने लगा है. वर्तमान में डायट्री सप्लीमेंट का 71 अरब डॉलर का वैश्विक कारोबार है जो 2028 तक 128 अरब तक पहुंच जाएगा. इन सप्लीमेंट में विटामिन डी, विटामिन सी, विटामिन बी 12, मैग्नीशियम, कैल्शियम, नारियल तेल, अश्वगंधा आदि देने का दावा किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है. दुनिया के हर हिस्सों में व्हे प्रोटीन की मार्केटिंग की जा रही है.

शहरी युवा जिस तरह से अपनी बॉडी को लेकर सजग है, उसमें वे घंटों जिम में पसीना बहाते हैं और मसल्स ग्रोथ के लिए व्हे प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. माना जाता है कि व्हे प्रोटीन से मसल्स में प्रोटीन का सिंथेसिस अच्छा होता है. इससे मसल्स का ग्रोथ सही से हो पाता है और वजन भी कम किया जा सकता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि व्हे प्रोटीन होता क्या है.

क्या होता है व्हे प्रोटीन

यूएस टूडे के मुताबिक व्हे प्रोटीन उस पानी से बनता है जो चीज या घी बनाने के दौरान मट्ठा निकालने या घी निकालने के बाद बच जाता है. आमतौर पर इस पानी को फेंक दिया जाता है. पर व्हे प्रोटीन बनाने के लिए इस पानी को बचा लिया जाता है और इसे विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत पाउडर के रूप में बदल दिया जाता है. मेसाच्यूसेट्स जनरल हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ उमा नायडू कहती हैं कि दूध में दो तरह के प्रोटीन होते हैं. एक कैसीन और दूसरा व्हे. इनमें से व्हे प्रोटीन का निकाल लिया जाता है. व्हे प्रोटीन में सभी 9 आवश्यक एमिनो एसिड होता है. ये 9 एमिनो एसिड हिस्टडीन, आइसोल्यूसिन, ल्यूसीन, लाइसिन, मेथिओनिन, फेनिलएलनिन, थ्रेओनाइन, ट्रिप्टोफैन और वेलिन मौजूद रहता हैं. जिम में जाने से पहले और एक्सरसाइज करने के बाद लोग इसे पानी या अन्य स्मूदी में मिलाकर पी लेते हैं.

शरीर में क्या करता है व्हे प्रोटीन
व्हे प्रोटीन के बारे में कई तरह के दावे किए जाते हैं हालांकि इसे लेकर वर्तमान में कोई फुल प्रूव रिसर्च नहीं है. व्हे प्रोटीन के इस्तेमाल से माना जाता है कि एथलीट का प्रदर्शन बेहतर होता है. वैसे इसके बारे में यह भी दावा किया जाता है कि व्हे प्रोटीन के इस्तेमाल से ब्लड शुगर कम होता है. इसके साथ ही इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और अस्थमा को भी कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं वजन कम करने के लिए तो व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल होता ही है. व्हे प्रोटीन का सेवन करने के बाद भोजन का अवशोषण बहुत तेजी से हो जाता है और मेटाबोलिज्म भी बहुत तेज होता है.

तो क्या यह सबके लिए सेफ है
कई तरह के दावों के बावजूद व्हे प्रोटीन को लेकर बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं है. न ही व्हे पाउडर किसी सरकारी स्वास्थ्य नियामक से प्रमाणित होता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने व्हे पाउडर को लेकर चेतावनी भी दी है और कहा है कि इससे कई तरह के स्वास्थ्य खतरे सामने आ सकते हैं जो कि तुरंत दिखाई नहीं देते. हार्वर्ड के मुताबिक इसमें अत्यधिक मात्रा में शुगर और कैलोरी के साथ कई तरह के अनजाने पदार्थ भी मिले रहते हैं जिसमें टॉक्सिन भी हो सकता है. हालांकि इसके बावजूद व्हे पाउडर का इस्तेमाल करने वालों पर इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है.

ऐसा करने वालों को नुकसान
डॉ. उमा नायडू कहती हैं कि जिन लोगों को प्रोटीन की बहुत ज्यादा कमी है या एथलीट की तरह जिन लोगों को प्रोटीन की बहुत अधिक जरूरत होती है वे सीमित मात्रा में व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि बिना डॉक्टरों की सलाह से इसका बहुत दिनों तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इसे हेल्दी डाइट के रूप में कभी भी इस्तेमाल नही करना चाहिए. अगर आप बहुत ज्यादा दिनों तक व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं तो इससे किडनी और लिवर पर साइड इफेक्ट के रूप में परेशानी हो सकती है.

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Tags: Health, Lifestyle



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