हाइलाइट्स
एंग्जाइटी को कम करने के लिए तीन रूल को फॉलो कर सकते हैं.
नई चीजों के बारे में सोचने से एंग्जाइटी कम हो सकती है.
333 रूल से दिमाग को शांत करने में मदद मिलती है.
How To Use 333 Rules For Anxiety: एंग्जायटी, चिंता और बेचैनी की एक सामान्य भावना है जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं. भारत में कई लोग इस स्थिति का सामना कर रहे हैं जो पैनिक अटैक का भी कारण बन रहा है. वर्तमान में इस समस्या पर काबू पाने के लिए कई लोग कॉगनीटिव बिहेवियरल स्किल अपना रहे हैं. कॉगनीटिव बिहेवियरल स्किल की सबसे प्रसिद्ध और कारगर तकनीक है 333 रूल. विशेषज्ञों का मानना है कि ये एक आसान स्किल है जिसे आप याद रख सकते हैं और इसका उपयोग तब भी कर सकते हैं जब किसी चीज की वजह से एंग्जाइटी को ट्रिगर किया जाए. आपको बता दें कि ये अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार से काम करती है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
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क्या है 333 रूल
द सन डॉट को डॉट यूके के अनुसार एंग्जाइटी को कम करने के लिए 333 रूल को अपनाया जा सकता है. 333 रूल में तीन मेन प्वाइंट्स को फॉलो करना जरूरी होता है. जैसे- तीन चीजें जो आप देख सकते हैं, तीन बातें जो आप सुन सकते हैं और तीन चीजें जिन्हें छू सकते है. 333 चिंता के नियम व्यक्ति को नकारात्मक चिंता के लक्षणों के बीच शरीर से जुड़ने का तरीका है. जिसमें इंद्रियों का उपयोग करके चिंता को ब्रेन से बाहर निकालने में मदद मिलती है. इसके माध्यम से दिमाग में आ रहे विचारों को भी शांत किया जा सकता है.
कैसे काम करता है 333 रूल
-इसके पहले रूल में तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना होता है. इसका अभ्यास करने से अपने आसपास के दृश्य या चीजों के बारे में जागरुक होने में मदद मिल सकती है. साथ ही चीजों पर कॉन्सनट्रेट करने से स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम किया जा सकता है.
–सके दूसरे रूल में किन्हीं तीन चीजों को सुनते हैं जिससे ध्यान को केंद्रित करने में मदद मिल सकती है. ये घड़ी की टिक-टिक से लेकर पेड़ों पर पत्तियों की आवाज तक कुछ भी हो सकती है.
– अंत में, वे तीन चीजें जिन्हें आप छू सकते हैं और महसूस कर सकते हैं. ये ऐसी चीजें हो सकती हैं जो आपकी पहुंच में हो या व्यक्ति का शरीर और कपड़ा भी हो सकता है.
इस प्रकार के पैटर्न के अभ्यास से व्यक्ति का दिमाग इंगेज रहता है और वे पुरानी चीजों को भूलकर वर्तमान क्षण को जीने लगता है. एंग्जाइटी कई प्रकार की होती है जैसे ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑडर, स्पेसिफिक फोबिया और पैनिक डिसऑर्डर. कई लोग एक से ज्यदा एंग्जाइटी का शिकार होते हैं.
एंग्जाइटी के लक्षण
– तेज हार्टबीट
– सांस लेने में परेशानी
– चेस्ट में जकड़न
– मूंह का सूखना
– पेट में हलचल
– बार-बार यूरिन आना
– अधिक पसीना आना
– हार्ट अटैक
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एंग्जाइटी हर किसी की जिंदगी का हिस्सा है जिससे अधिकतर लोग जूझ रहे हैं. एंग्जाइटी कई समस्याओं को कारण बन सकती है. इसे कम करने के लिए 333 रूल को अपनाया जा सकता है.
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Tags: Lifestyle, Mental health
FIRST PUBLISHED : December 18, 2022, 08:28 IST
