स्वास्थ्य

आयुर्वेद के एक्सपर्ट की सलाह, कब्ज़ होने पर इन तीन ‘C’ से बनाए रखें दूरी

आयुर्वेद के एक्सपर्ट की सलाह, कब्ज़ होने पर इन तीन 'C' से बनाए रखें दूरी


सुबह अगर पेट साफ ना हो या उसमें कोई दिक्कत आती है तो ये ना केवल आपके डेली शेड्यूल में रुकावट डाल सकती है, बल्कि हेल्थ पर भी इसका निगेटिव इफैक्ट पड़ता है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे एक नॉन एक्टिव (गतिहीन) लाइफस्टाइल, अनहैल्दी फूड हैबिट्स, स्ट्रेस और अनियमित नींद. हालांकि आमतौर पर इसे मैनेज किया जा सकता है. लेकिन अगर ये कब्ज़ लंबे समय से चली आ रही है, तो आपको तुरंत डॉक्टरी इलाज की जरूरत है.

आयुर्वेद की एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार (Dr. Dixa Bhavsar) ने अपने इंस्टाग्राम पर कब्ज़ से जुड़ी एक पोस्ट साझा की है. इस पोस्ट में डॉ दीक्षा ने कब्ज़ यानी कॉन्स्टिपेशन से जुड़े तीन सी (C) का जिक्र किया है. उनका कहना है कि कब्ज़ (constipation) के मामले में इन तीन सी से दूर रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने लिखा, ‘अगर आपको स्टूल पास (मल त्याग) करने में रोजाना दिक्कत का सामना करना पड़ता है, तो मामला गड़बड़ है.’

जीरा (Cumin)
डॉ दीक्षा का कहना है कि आयुर्वेद में जीरे को जीरक (jeeraka) कहा जाता है. ये जीरना (jeerna) शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है पाचन. तो जीरक का अर्थ है ‘जो पचाता है. ये पित्त को बढ़ाता है (पाचन में सुधार करता है), लघु (पाचन में हल्का) लेकिन रूक्ष (नेचर में सुखाने वाला) और ग्रही (अवशोषित करने वाला) भी है. ये भूख, दस्त, आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) के लिए अद्भुत है, लेकिन कब्ज़ के लिए नहीं. आप हर चीज के लिए जीरे का प्रयोग करें, लेकिन कब्ज़ होने पर नहीं.

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दही (Curd)
दही आपके स्वाद में सुधार करता है, इसकी तासीर गर्म होती है और ये वात को भी बैलेंस करता है (जिसमें वायु और अंतरिक्ष जैसे तत्व होते हैं, ये मन और शरीर में सभी मूवमेंट को मैनेज करता है). साथ ही, ये ग्रही (grahi) है, जिसका मतलब है ये सोखने वाला और पचाने में भारी है, जो इसे “कब्ज के लिए असंगत” बनाता है. ऐसे में अगर आपको कब्ज़ है, तो राहत मिलने तक दही से बचें.

कैफीन
“हम सभी मानते हैं कि कैफीन हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में मसल्स को स्टिमुलेट (उत्तेजित) कर सकता है और ये आसान मल त्याग का कारण बन सकता है. लेकिन कैफीन (विशेष रूप से अत्यधिक कैफीन) भी डिहाईड्रेशन का कारण बनता है, जो विपरीत प्रभाव दे सकता है और कब्ज़ पैदा कर सकता है. इसलिए यदि आपको कब्ज़ है, तो इससे बचें या डिकैफ़िनेटेड कॉफी चुनें.

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डॉ दीक्षा भावसार का कहना है कहा, “किसी को भी अपने दिन की शुरुआत चाय/कॉफी से नहीं करनी चाहिए, फिर चाहे आपको कब्ज़ हो या न हो. इसके बजाय अपने दिन की शुरुआत गर्म पानी या 1 टेबलस्पून गाय के घी से करें, खासकर अगर आपको कब्ज़ है.”

Tags: Health, Health News, Lifestyle





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