हाइलाइट्स
केबिन फीवर में स्ट्रैस या डिप्रेशन के कारण अकेलेपन में रहना अच्छा लगता है.
निराशा या नींद संबंधी समस्याएं केबिन फीवर के पहले लक्षण हैं.
केबिन फीवर से बचाव के लिए सोशलाइज करना और लाइफस्टाइल में सुधार लाना फायदेमंद है.
Cabin fever : आज लाइफस्टाइल संबंधी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं, जिनका सीधा असर आपकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है. हर आयु वर्ग में डिप्रेशन, एंग्जाइटी और स्ट्रेस की समस्या आम हो गई है. हेल्दी लाइफस्टाइल, डाइट और एक्सरसाइज से लोग दूरी बनाकर चलते हैं जिसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. केबिन फीवर भी ऐसी ही एक स्थिति है जब व्यक्ति के दिमाग में अकेलापन घर कर जाता है. केबिन फीवर से ग्रसित व्यक्ति बाहरी दुनिया से कनेक्शन खत्म कर एक कमरे में रहना पसंद करने लगते हैं. इसका इलाज अपनी लाइफस्टाइल को सुधारकर किया जा सकता है, जैसे अच्छी डाइट लें, सोशलाइज करें, एक्सरसाइज और व्यवस्थित रूटीन अपनाएं.
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केबिन फीवर के कारण
वैरी वैल माइंड डॉट कॉम के मुताबिक लंबे समय तक लोगों से दूर रखने के कारण केबिन फीवर की समस्या हो सकती है. सोशल इंटरेक्शन कम हो जाता है और व्यक्ति को अकेलेपन में ही बेहतर महसूस होने लगता है.
कई बार किसी लंबी बीमारी के कारण व्यक्ति को आइसोलेटेड रहना पड़ता है जो केबिन फीवर का कारण बन सकता है.
कोविड जैसी स्थितियां भी केबिन फीवर का कारण बन सकती है. कोविड के दौरान हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ने इस समस्या में बड़ा योगदान दिया था.
केबिन फीवर के लक्षण
निराश महसूस करना : केबिन फीवर से ग्रसित व्यक्ति का मोटीवेशन गिर जाता है और निराशा की भावना मन में घर कर जाती है. सेल्फ डाउट और निराशा की स्थिति में सोशल इंटरेक्शन बढ़ाएं और इसे बीमारी बनने से रोकें.
थकान और नींद संबंधी समस्याएं : स्लीप पैटर्न में बदलाव आना, थकान महसूस करना और अक्सर छोटी छोटी झपकियां लेते रहना भी केबिन फीवर का लक्षण हो सकता है. इस दौरान सोए रहना अच्छा लगता है और सोकर उठने में भी परेशानी होती है.
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डिप्रेशन : केबिन फीवर के दौरान डिप्रेशन और स्ट्रेस आम हो जाता है साथ ही मन को एकाग्र करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मन अधीर रहता और किसी काम में नहीं लगता है.
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Tags: Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 04, 2022, 15:27 IST
