मेडिकल इमरजेंसी के मामले में टाइम सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. चाहे कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ हो या किसी को दिल का दौरा पड़ा हो, टाइम पर मेडिकल अटेंशन देना लाइफ सेविंग (जीवन बचाने वाला) हो सकता है. डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि जिन रोगियों को तत्काल मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है, उन्हें अस्पताल के आपातकालीन विभाग (Emergency Department) में ले जाना चाहिए. इमरजेंसी वार्ड अस्पताल के अन्य विभागों से अलग है क्योंकि ये 24 घंटे देखभाल (24 Hour Care) प्रदान करता है.
आमतौर पर एक इमरजेंसी विभाग में सभी स्थितियों से निपटने के लिए हाईली ट्रेंड डॉक्टर्स और मेडिकल प्रोफेशनल होते हैं. अब, जबकि डॉक्टर कुशल हैं और जानते हैं कि ऐसे समय में कैसे रिएक्ट करना है, आपको भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जानते हैं क्या है वो अहम जानकारियां.
इमरजेंसी में कब जाएं?
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि अगर किसी को दिल का दौरा, स्ट्रोक, सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हो तो इमरजेंसी विभाग में जाने से नहीं हिचकिचाएं. जब रोगी किसी दुर्घटना, जैसे किसी कारण से होश खो बैठा हो, तो उसे जल्द से जल्द आपातकालीन वार्ड में ट्रांसफर किया जाना चाहिए.
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इसके अलावा, अगर किसी को किसी चीज या ड्रग की ओवरडोज या जहर से एलर्जिक रिएक्शन होता है, तो जल्द से जल्द मेडिकल हेल्प लेना महत्वपूर्ण हो जाता है. प्रेग्नेंसी की जटिलताओं वाली महिलाओं को किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए आपातकालीन वार्ड में जाने की सलाह दी जाती है.
डॉक्टर के पास जाने से पहले
कई लोग आपातकालीन स्थितियों में घबरा जाते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि हमें हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. ये कुछ चीजें हैं जो सुनिश्चित करेंगी कि आपको या रोगी को सर्वोत्तम संभव उपचार मिले. आपातकालीन विभाग में जाने से पहले, रोगी के मेडिकल रिकॉर्ड को ले जाने पर विचार करें, जिसमें उसके द्वारा अब तक प्राप्त किए गए ट्रीटमेंट और अगर वो कोई दवा ले रहे हैं वो भी शामिल है.
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मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टरों को रोगी की हेल्थ की कंडीशन के बारे में जानकारी देती है और उन्हें इलाज शुरू करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराती है.
अस्पताल से छुट्टी होने पर
अधिकांश रोगी अस्पताल से छुट्टी के बाद उन निर्देशों से अनजान होते हैं जिनका उन्हें पालन करना होता है. ये सलाह दी जाती है कि आप अस्पताल से छुट्टी के निर्देशों का प्रिंट-आउट प्राप्त करें और उसे डॉक्टर से अच्छी तरह से समझ लें. मतलब आपको क्या परहेज रखना है, दवा कब लेनी है, क्या खाना है, अगली बार दिखाने के लिए कब आना है आदि.
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Tags: Emergency, Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 03, 2022, 09:11 IST
