मशहूर संतूर वादक एवं पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पंडित भजन सोपोरी ने गुरुवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने गुरुग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 74 वर्ष के थे। उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था। उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी है और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादी थे। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत के सूफियाना घराने से संबंधित थे।
भजन सोपोरी ने अपने करियर में अपनी कला के माध्यम से बहुत नाम कमाया था। पंडित सोपोरी ने संतूर की कला की विद्या कहीं और नहीं बल्कि अपने घर में सीखी थीं। उनके दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी से ही उन्हें इस कला का ज्ञान प्राप्त हुआ था। आप ये भी कह सकते हैं कि उन्हें इस कला का ज्ञान विरासत में मिली थी। इनके परिवार की 6 पीढ़ियां संगीत से जुड़ी रही हैं। इसके साथ ही पंडित सोपोरी और भी कई कलाओं से परिपूर्ण थे।
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भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। इसके उपरांत वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का अध्ययन भी किया। उन्होंने पांच साल की उम्र में अपना पहला प्रदर्शन दिया था। कई दशकों के करियर में उन्होंने मिस्र, इंग्लैंड, जर्मनी और साथ ही अमेरिका में प्रदर्शन किया। इसके अलावा भजन सोपोरी ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में संगीत भी पढ़ाया।
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