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Buying a Car in Delhi Will Be Expensive Road tax on vehicles may go up | जरूरी ख़बर! दिल्ली में कार खरीदना पड़ेगा महंगा, वाहनों पर Road Tax बढ़ाने की तैयारी में सरकार

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दिल्ली में प्राइवेट कारों पर रोड टैक्स वर्तमान में वाहन के फ़्यूल टाइप और प्राइस बैंड के आधार पर 4% और 12.5% के बीच है। अगर कार किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है तो रोड टैक्स तकरीबन 25 फीसदी और ज्यादा है।

नई दिल्ली

Published: April 19, 2022 09:34:36 am

Road Tax on Vehicles in Delhi: यदि आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं और नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो ये ख़बर आपके लिए बेहद जरूरी है। प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों पर रोड टैक्स (Road Tax) बढ़ाने की संभावना तलाश रही दिल्ली सरकार के साथ राजधानी में कार खरीदना अब महंगा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के दावों के अनुसार, राज्य परिवहन विभाग ने हाल ही में वित्त विभाग को कुछ सेग्मेंट के वाहनों पर रोड टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। बताया जा रहा है कि, जब ये प्रस्ताव एक बार आगे बढ़ जाएगा तो परिवहन विभाग एक विस्तृत योजना तैयार करेगा।

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प्रतिकात्मक तस्वीर: Road Tax on Vehicles in Delhi May Go Up

दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से प्राइवेट कारों पर रोड टैक्स वर्तमान में वाहन के फ़्यूल टाइप और प्राइस बैंड के आधार पर 4% और 12.5% के बीच है। अगर कार किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है तो रोड टैक्स तकरीबन 25 फीसदी और ज्यादा है। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में रोड टैक्स और वाहन पंजीकरण से लगभग 2,000 करोड़ रुपये की आय होगी, जो अनुमानित कुल कर राजस्व के मुकाबले तकरीबन 4% ज्यादा है।

Road Tax बढ़ाने के पीछे क्या है वजह:

बता दें कि, दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है, हाल ही में राज्य सरकार ने दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicles Policy) के तहत दोपहिया और चारपहिया, दोनों वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स का भुगतान करने से छूट देने की घोषणा किया था। इस नीति को साल 2020 में घोषित किया गया था। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए परिवहन विभाग का मानना है कि, इसका इसर जल्द ही रोड टैक्स कलेक्शन पर भी दिखना शुरू हो जाएगा। इससे ये साफ हो रहा है कि, इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते डिमांड के चलते रोड टैक्स में इजाफा करने की योजना बनाई जा रही है।

राज्य सरकार का लक्ष्य 2024 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 25 फीसदी तक बढ़ाना है। इस साल मार्च में कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी तकरीबन 12.6% थी, जबकि फरवरी में यह 10.6 फीसदी और जनवरी 2022 में 8 फीसदी थी। हालांकि दिल्ली में हर महीने पंजीकृत इलेक्ट्रिक कारों की संख्या दोपहिया वाहनों की तुलना में बहुत कम है, लेकिन अगले कुछ महीनों में नए मॉडलों के लॉन्च होने के साथ हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि होने की पूरी संभावना है।

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देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियां टाटा मोटर्स और महिंद्रा इत्यादि भी अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल लाइनअप को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को और भी ज्यादा विकल्प मिलेंगे। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहन सेग्मेंट में टाटा मोटर्स लीडिंग पोजिशन में है और कंपनी की Tata Nexon EV देश की बेस्ट सेलिंग इलेक्ट्रिक कार है।

TOI में छपी रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, “दिल्ली में पंजीकृत होने वाली नई इलेक्ट्रिक कारों की संख्या में इजाफे के साथ, रोड टैक्स कलेक्शन में गिरावट जारी रहेगी। हमें इस राजस्व अंतर को पाटना होगा।” सूत्रों ने बताया कि परिवहन विभाग ने ज्यादातर सेग्मेंट के वाहनों पर रोड टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। अधिकारी ने ये भी खुलासा किया है कि, 20 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये के मुल्य के वाहनों का नया स्लैब बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

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