नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने लोगों के लंबे इंतज़ार को खत्म करते हुए 10 नवंबर 2021 को अपनी लोकप्रिय हैचबैक कार सेलेरिओ (Celerio) का नेक्स्ट जनरेशन 2021 मॉडल भारतीय मार्केट में लांच कर दिया है। कंपनी ने इस नई हैचबैक कार को 6 रंगों आर्कटिक वाइट, ग्लिस्टनिंग ग्रे, सिल्की सिल्वर, स्पीडी ब्लू, फायर रेड और कैफीन ब्राउन और बेहतरीन फीचर्स के साथ लॉन्च किया है। पर अगर आप इसे खरीदने की सोच रहे है तो पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि वो 5 कौनसे कारण हैं जिनकी वजह से आपको इस कार को खरीदना चाहिए और वो 4 कौनसे कारण हैं जिनकी वजह से आपको इस कार को खरीदने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए।
Celerio 2021 को खरीदने के 5 कारण
1. बड़ा केबिन – नई सेलेरियो में बड़े केबिन के साथ आरामदायक सीट्स मिलती हैं। साथ ही इसमें चारों दरवाज़ें भी पहले से बेहतर तरीके से खुलते हैं, जिससे अंदर और बाहर जाना पहले से आसान हो गया है।
2. अपडेटेड फीचर्स – नई सेलेरियो में में पुराने मॉडल के मुकाबले कई अपडेटेड फीचर्स जैसे Android Auto, Apple CarPlay, आइडल स्टार्ट/स्टॉप बटन, स्मार्टप्ले डॉक आदि मिलते हैं, जो ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाते है।
3. ज़्यादा सुरक्षित – नई सेलेरियो सुरक्षा के मामले में भी बेहतरीन है। हिल होल्ड असिस्ट (ऑटोमैटिक), मल्टी-एयरबैग्स, EBD के साथ ABS जैसे फीचर्स सुरक्षित बनाते हैं।
4. शानदार माइलेज – मारुति सुज़ुकी की यह हैचबैक 26.68 किलोमीटर प्रति लीटर का शानदार माइलेज देती है। साथ ही यह फ्यूल-एफिशिएंट भी है।
5. पोस्ट-सेल नेटवर्क और री-सेल मूल्य – मारुति सुज़ुकी की गाड़ियों का पोस्ट-सेल नेटवर्क अच्छा होता है। साथ ही अगर बात री-सेल मूल्य की करें, तो वह भी दूसरी कंपनियों के मुकाबले ज़्यादा होता है।
Celerio 2021 को खरीदने से पहले एक बार सोचने के 4 कारण
1. लुक – बात अगर लुक की करें तो नई सेलेरिओ में नयापन नहीं दिखता। ऐसे में युवा वर्ग के लिए यह एक नेगेटिव पॉइंट हो सकता है।
2. सिर्फ एक ही इंजन ऑप्शन – नई सेलेरिओ का 1 लीटर इंजन रोज़ाना की ड्राइविंग के लिए सही है। यहां तक कि इससे अच्छा माइलेज भी मिलता है। लेकिन दूसरे कई कार मॉडल्स 1.2 लीटर इंजन का ऑप्शन दे रहे हैं। ऐसे में यह भी इस हैचबैक के लिए एक नेगेटिव पॉइंट है।
3. कॉम्पीटीशन – आज के इस कॉम्पीटीशन वाले मार्केट में WagonR, Tata Punch, Tata Tiago, Nissan Magnite, Renault Kiger और Hyundai Grand i10 NIOS जैसे ऑप्शंस भी हैं। ऐसे में नई सेलेरिओ को कड़ी टक्कर मिलती है।
4. इंतज़ार का समय – सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी से देशभर के कई उद्योग प्रभावित हुए हैं, जिनमे ऑटोमोबाइल उद्योग भी शामिल है। हालांकि मारुति सुज़ुकी प्रोडक्शन में तेज़ी ला रही है, पर सेलेरिओ के नई गाड़ी होने और डिमांड ज़्यादा होने की वजह से डिलीवरी के लिए इंतज़ार भी ज़्यादा करना पड़ सकता है।
