नई दिल्ली। अगर आप नए साल की शुरुआत अपने घर मारुति सुज़ुकी की नई गाड़ी लेकर करना चाहते है, तो आपको एक बार फिर सोच लेना चाहिए। इसका कारण है कि कंपनी अगले साल अपनी गाड़ियों की कीमत एक बार फिर से बढ़ाने वाली है। ऐसे में मौजूदा कीमत पर अगर आप मारुति सुज़ुकी की गाड़ी अपने घर लाना चाहते है, तो आपके पास दिसंबर 2021 यानि की एक महीने के समय है। इस बात की जानकारी खुद कंपनी ने दी। आज गुरुवार 2 दिसंबर को भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India Limited) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी जनवरी 2022 से अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ा सकती है।
अलग-अलग मॉडल्स पर अलग-अलग बढ़ेगी कीमत
कंपनी ने बताया कि उनकी जनवरी 2022 से अपनी गाड़ियों की कीमत को बढ़ाने की योजना है। हालांकि कीमत में होने वाली यह बढ़ोत्तरी अलग-अलग मॉडल्स के हिसाब से अलग-अलग होगी। ऐसे में किसी मॉडल की कीमत ज़्यादा बढ़ सकती है, तो किसी मॉडल की कीमत कम बढ़ सकती है।
मारुति सुज़ुकी के कीमत बढ़ाने का कारण
हालांकि कंपनी ने अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ने का कोई कारण नहीं बताया है। पर हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार इसका कारण प्रोडक्शन कॉस्ट से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट की माने तो पिछले कुछ समय से गाड़ियों के प्रोडक्शन में लग रही कॉस्ट काफी बढ़ गई है। इसका सबसे बड़ा कारण है देश में सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी होना। कोरोना महामारी की वजह से देश ही नहीं, दुनियाभर में सेमीकंडक्टर चिप्स की समस्या पैदा हो गई। ऐसे में इस मामले में विदेशी निर्भरता होने की वजह से कई उद्योगों को नुकसान हुआ, जिनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर भी शामिल है। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट भी काफी बढ़ी। इसी के चलते कंपनी को पिछले महीने बिक्री में मंथ टू मंथ बेसिस पर 9% का नुकसान हुआ।
साथ ही देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता और डिमांड से भी कंपनी के पेट्रोल-डीज़ल वाहन सेगमेंट की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में कंपनी इसी नुकसान की भरपाई के लिए साल की शुरुआत से अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ाने की योजना बना रही है।
इससे पहले भी कंपनी बढ़ा चुकी है कीमत
मारुति सुज़ुकी इससे पहले इसी साल जनवरी, फिर अप्रैल और उसके बाद नवंबर में अपनी गाड़ियों की कीमत कुछ हद तक बढ़ा चुकी है। बड़ी हुई कीमत पैसेंजर गाड़ियों के साथ कमर्शियल गाड़ियों के लिए भी लागू की गई, जिसका कारण भी प्रोडक्शन कॉस्ट में सालभर में हुई बढ़ोत्तरी ही था।
