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sawan pradosh vrat 2022: bhaum pradosh vrat 2022 date, pradosh kaal time, puja vidhi and significance | Sawan Pradosh Vrat 2022: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 9 अगस्त को, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, विधि और महत्व

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सावन भौम प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
पंचाग के मुताबिक सावन मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 9 अगस्त, मंगलवार को शाम 5:45 बजे से होगा। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 10 अगस्त, बुधवार को दोपहर 2:15 बजे होगा।

प्रदोष काल मुहूर्त
भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए प्रदोष काल मुहूर्त 9 अगस्त 2022 को शाम 7:06 बजे से रात्रि 9:14 बजे तक रहेगा।

पूजन सामग्री: चंदन, अक्षत, अगरबत्ती, कपूर, दीपक, अबीर, गुलाल, बेलपत्र, कलावा, धतूरा, जनेऊ आदि।

पूजा विधि
व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर की मंदिर की सफाई करके भगवान के सामने दीपक जलाएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। शाम के समय प्रदोष काल मुहूर्त में शिवजी का गंगाजल से अभिषेक करें। ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए चंदन, धूप, दीप, फल, पुष्प आदि सभी चीजें अर्पित करें।
प्रदोष व्रत में भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश के पूजन का भी विधान है। वहीं भौम प्रदोष व्रत में हनुमान जी की भी पूजा-पाठ करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। पूजन के बाद भगवान भोलेनाथ को सात्विक चीजों का भोग लगाएं।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन शिव जी के साथ साथ रुद्रावतार बजरंगबली जी का पूजन और हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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