भोपालPublished: Mar 16, 2023 02:42:26 pm
हिंदू धर्म में रूद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से बताया जाता है। इसे भारत के ऋषि-मुनि प्राचीनकाल से ही धारण करते रहे हैं, अब भी साधारण शिव भक्त से लेकर ज्योतिषी तक इसे धारण करते हैं। यह एक पेड़ का उत्पाद है और भगवान शिव के आंसू से पैदा हुआ है। इसे स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का सेतु भी माना जाता है। मान्यता है कि यह धारण करने से क्रूर ग्रहों का दुष्प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही उसमें सकारात्मकता आती है। लेकिन कमजोर दिल के व्यक्ति को इसे धारण नहीं करना चाहिए। हालांकि, आजकल रूद्राक्ष के नाम पर नकली रूद्राक्ष की बिक्री का गोरखधंधा भी सामने आता रहता है तो जानते हैं रुद्राक्ष के फायदे (rudraksha benifits) और असली रुद्राक्ष की पहचान (rudraksha ki pehchan) के कुछ तरीके।
rudraksha ki pehchan
रुद्राक्ष के फायदेः रूद्राक्ष मुख्यतः वैज्ञानिक इलेइओकार्पस गैनीट्रस को ओरिजनल रूद्राक्ष मानते हैं। इंडोनेशिया, नेपाल और भारत में पाया जाता है। ऊर्जा से भरा हुआ शक्तिशाली आभूषण है, यह एक मुखी से 21 मुखी तक हो सकता है। इसे उद्देश्य और कुंडली के अनुसार ही धारण करना चाहिए वर्ना कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए रूद्राक्ष धारण करने से पहले किसी जानकार को कुंडली दिखाकर उसकी सलाह ले लेनी चाहिए और पहनने से पहले उसे अभिमंत्रित करा लेना चाहिए।
