भोपालPublished: May 22, 2023 08:21:32 pm
भारतीय ज्योतिष के अनुसार वार और बेहद शुभ नक्षत्र के योग से एक ऐसा शुभ योग बनता है, जो आठ विशिष्ट योगों में से एक है। यह बेहद शुभ और कल्याणकारी योग है। इसमें विवाह को छोड़कर सभी कार्य किए जा सकते हैं। इस शुभ योग में शुरू किया गया कारोबार खूब फलता फूलता है। आइये जानते हैं ऐसा योग कौन सा है और वह कब बन रहा है।
गुरु पुष्य योग में कई मंगलकारी कार्य किए जाते हैं।
कब बनता है रवि पुष्य योग (Ravi Pushy Yog)
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कल्याणकारी पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों का सम्राट है। जब रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है, तो दिन और नक्षत्र के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है। इसे रवि पुष्य नक्षत्र योग भी कहा जाता है। यह आठ प्रमुख शुभ योगों में से एक है और खरीदारी से लेकर मांगलिक कार्यों तक के लिए यह बेहद शुभ योग है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है, तब भी रवि पुष्य योग सभी कार्यों की शुरुआत के लिए बेहद कल्याणकारी होता है। इस शुभ योग में विवाह के अलावा सारे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
