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Rashi Parivartan Impact of April 2022 which will works till full year | Astrology Predictions- शनि करेंगे न्याय क्षेत्र में सुधार तो देवगुरु बृहस्पति करेंगे राहु केतु की अशुभता को ठीक

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12 साल बाद देव गुरु बृहस्पति आए तो 30 साल बाद न्याय के देवता शनि इस माह होंगे अपनी स्वराशि में

Published: April 18, 2022 02:58:54 pm

ज्योतिष विज्ञान में सभी ग्रहों नक्षत्रों का स्थान परिवर्तन समस्त राशियों के महत्वपूर्ण होता है। सभी ग्रहों की अपनी अलग-अलग गति होती है और वे अपनी गति के अनुसार ही एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते है। 18 माह बाद राहु, केतु ने राशि परिवर्तन किया। 12 वर्षों के बाद बृहस्पति भी मीन राशि यानी अपने घर में वापसी कर गए है इसके साथ ही 30 साल बाद 29 अप्रैल से शनि देव भी अपनी स्वराशि में प्रवेश करेंगे।

Big rashi parivartan April 2022

Big rashi parivartan April 2022

पंडित एके शुक्ला के अनुसार 12 अप्रैल को राहु का मेष राशि में एवं केतु का तुला राशि में गोचरीय भ्रमण हो चुका है। यह गोचर शोध करने वाले वैज्ञानिक, विद्वान, साहित्यकार, प्राचार्य, ज्ञान प्रदान करने वाले व्यक्तियों के लिए शुभ फलदायक रहेगा। वहीं 14 अप्रैल को सूर्य भी मेष प्रवेश कर गए हैं। सूर्य ,बुध और राहु ग्रहों का साथ रहना अच्छा नहीं माना गया है।

एक ओर जहां राहु-केतु का राशि परिवर्तन अशुभता का संकेत दे रहे है। वहीं दूसरी ओर देव गुरु बृहस्पति भी मीन राशि में अपने घर आ गए हैं, जो शुभता का संचार करेंगे। क्योंकि नवग्रह में गुरु को सबसे शुभ माना गया है।

यह संतान, ज्ञान, धर्म व दर्शन के कारक हैं और शुभ ग्रह होने की वजह से उत्तम फल प्रदान करते हैं। गुरु ग्रह को धनु व मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह कर्क राशि में उच्च के होते है और मकर राशि में नीच के होते हैं। कुंडली में बृहस्पति के बलवान होने पर परिवार, समाज और हर क्षेत्र में प्रभाव रहता है। बृहस्पति के प्रभाव से लोगों का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है। इसके अलावा लोगों को कॉरियर में उन्नति, स्वास्थ्य, लाभ, मजबूत, आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतान उत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

न्याय के देवता शनि 12 जुलाई तक स्वराशि कुंभ में रहेंगे
वैदिक ज्योतिष में शनि को कूर ग्रह माना गया है। लेकिन स्वाभाविक रूप से शनि न्यायप्रिय और दंडा अधिकारीहैं। इसलिए उन्हें कलयुग का न्यायाधीश कहते हैं। शनि का कार्य प्रगति में संतुलन पैदा करना है। इसलिए समस्त मानव जाति पर शनि का गहरा प्रभाव पड़ता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि कर्म और सेवा का कारक होता है। यानी इसका सीधा संबंध नौकरी और व्यवसाय से रहता है। इसी वजह से शनि की चाल का असर नौकरी, व्यवसाय में सफलता और उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इसके प्रभाव से ही मनुष्य के जीवन में बड़े बड़े बदलाव होते हैं। यह परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही हो सकते हैं।

इसका फल राशि और कुंडली में शनि की चाल और स्थिति से होता है। इस बार शनि देव 29 अप्रेल को सुबह 7.51 के बाद कुंभ राशि में रहेंगे। जो 12 जुलाई तक इसी राशि में रहेंगे। इस समय शनि की ढैया कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर शुरू होगी। इसके साथ ही मीन राशि पर शनि का साढ़े साती प्रारंभ होगा। वही धनु राशि शनि की साढ़े साती से मुक्त होगी। इसके साथ ही न्याय प्रणाली सुधरेगी। क्योंकि शनि न्याय के देवता हैं।

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