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भोपालPublished: May 23, 2023 12:45:31 pm
पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर सारे मांगलिक कार्य किए (Pushy Nakshatra Ki Katha) जाते हैं, ऐसे में सवाल उठ रहा होगा इसके पीछे का कारण क्या है तो आइये जानते हैं रोचक पुष्य नक्षत्र की कथा..
गुरु पुष्य योग
पुष्य नक्षत्र का महत्वः धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पुष्य नक्षत्र सभी नक्षत्रों का राजा है। इसी नक्षत्र में माता लक्ष्मी का जन्म माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा का राशि के चौथे, आठवें और 12वें भाव में होना अशुभ माना जाता है। लेकिन पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से यह अशुभ समय भी शुभ समय में बदल जाता है।
जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तो गुरु पुष्यामृत योग और रविवार के दिन पड़ता है तो इसे रवि पुष्यामृत योग कहते हैं। इन दोनों योगों की शुभता धनतेरस और चैत्र प्रतिपदा के समान ही है।
