– जीवन में प्रेम व धन की कमी से लेकर गृह कलेश तक का कारण बनता है ये दोष
शुक्र को दैत्यों का गुरु यानि दैत्यगुरु माना गया है। वहीं ज्योतिष के अनुसार कुंडली में इसे भाग्य का कारक भी माना गसर है। ऐसे में इसका रत्न हीरा होता है। ज्ञात हो कि भौतिक सुखों के स्वामी शुक्र को राशियों में वृषभ व तुला का स्वामित्व प्राप्त है।
