भोपालPublished: Sep 02, 2023 08:44:07 pm
भाद्रपद महीने की संकष्टी चतुर्थी हेरंब संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है। इसमें भगवान के हेरंब स्वरूप की पूजा होती है। इस चतुर्थी व्रत के प्रभाव से प्रसन्न होकर गणेशजी सभी मनोकामना की पूर्ति करते हैं। इस दिन बहुला चौथ का भी व्रत रखा जाता है। इस साल खास यह है कि हेरंब चतुर्थी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा, जिसके कारण मनोकामना की पूर्ति और हर काम में सफलता मिलती है। हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर गणेशजी के तीन शक्तिशाली मंत्रों का जाप हर संकट से मुक्ति दिलाता है, आइये जानते हैं क्या हैं वे शक्तिशाली मंत्र
हेरंब गणपति की पूजा के लिए मंत्र
कब है हेरंब संकष्टी चतुर्थी
भाद्रपद की संकष्टी चतुर्थी को हेरंब संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस तिथि की शुरुआत 2 सितंबर को देर रात 12 बजे के बाद हो रही है यानी यह तिथि 3 सितंबर को सुबह 00.19 बजे से लगेगी और तीन सितंबर को ही रात 9.54 बजे संपन्न हो रही है। इस दिन चंद्रोदय रात 8.58 बजे होगा। चंद्र व्यापिनी तिथि अनुसार 3 सितंबर को यह व्रत रखा जाएगा। इस दिन रात में गणेशजी की पूजा के बाद और कच्चे दूध, पानी, अक्षत, सफेद फूल से चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत कंपलीट होगा।
