29 अप्रैल को शनि ने बदली थी राशि: इस दौरान शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जिसके परिणाम स्वरूप मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल गई थी। वहीं कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ये दशा शुरू हो गई थी। बता दें शनि ढैय्या की अवधि ढाई साल की होती है और शनि साढ़े साती की तरह ही शनि की ये दशा भी लोगों के जीवन को प्रभावित करती है।
अब 12 जुलाई को शनि बदलेंगे राशि: इस दौरान शनि वक्री चाल चलते हुए अपनी पिछली गोचर राशि मकर में दोबारा से प्रवेश कर जायेंगे। जिस कारण वो राशियां जो शनि के प्रभाव से मुक्त हो चुकी होंगी वो फिर से इसकी चपेट में आ जायेंगी। यानी शनि के मकर राशि में फिर से गोचर करने के कारण मिथुन और तुला वाले एक बार फिर शनि ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे। जबकि इस दौरान कर्क और वृश्चिक वालों को कुछ महीनों के लिए शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
17 जनवरी 2023 में शनि कुंभ राशि में वापस आ जायेंगे: 12 जुलाई 2022 से लेकर 16 जनवरी 2023 तक शनि मकर राशि में रहेंगे। फिर 17 जनवरी 2023 में ये फिर से अपनी गोचर राशि कुंभ में प्रवेश कर जायेंगे। इस दौरान मिथुन और तुला वालों को पूर्ण रूप से शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक वाले इसकी चपेट में आ जायेंगे। कर्क और वृश्चिक वालों पर 29 मार्च 2025 तक शनि ढैय्या रहेगी।
बेहद साफ दिल होते हैं इन 2 नाम वाले लोग, इन्हें किस्मत से सबकुछ होता है हासिल
