ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के अनुसार किसी भी व्यक्ति की जन्मपत्री को ही जन्मकुंडली janam kundali भी कहा जाता है, इस जन्मकुंडली में आकाश का नक्शा बना हुआ होता है यह नक्शा उस समय का होता है जब कोई बच्चा या बच्ची जन्म लेते हैं, साथ ही ये नक्शा या कहें कुंडली ग्रहों की स्थिति को देखकर बनाई जाती है।
दरअसल जब बच्चे के इस दुनिया में जन्म होता है उस समय आकाश में कौन सा ग्रह कहा पर है, यह सब देखते हुए ही ग्रहों को उन स्थानों पर रखने के बाद जन्म कुंडली बनाई जाती है।
एक जन्मकुंडली janam kundali में 12 भाव होते हैं जो राशियों का प्रतीक होते हैं, वहीं इनमें नौ ग्रहों को दर्शाया जाता है, क्योंकि मनुष्य के जीवन में ग्रह और राशियां ही अच्छे व बुरे प्रभाव डालती है।
ज्ञात हो कि जन्म कुंडली janam kundali को देखकर यह भी बताया जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में दो विवाह योग हैं या नहीं, कई लोग इसे जानना भी चाहते हैं, तो चलिए समझते हैं कि कुंडली में दो विवाह योग कहा और कैसे बनते हैं…
कुंडली में दो विवाह योग : Kundali me do vivah ke Yog in Hindi
पंडित शुक्ला के अनुसार यदि किसी के दो विवाह योग का पता करना है, तो ऐसे में उसकी जन्म कुंडली janam kundali को देखना होता। इसके तहत जब…
: जन्म कुंडली janam kundali में सप्तम स्थान पर सूर्य के साथ शनि ग्रह नजर आता है। तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दो विवाह या शादी का योग बनता है।
: वहीं जब सूर्य ग्रह के साथ राहू या फिर सूर्य के साथ केतू दिखाई दे, तो ऐसे में दो विवाह योग बनता है।
: मंगल और राहू ग्रह का कुंडली के सप्तम स्थान पर होना भी दो विवाह के योग को दर्शाता है।
: इसके अलावा शुक्र ग्रह के साथ जब कोई भी अन्य ग्रह जैसे: सूर्य, शनि, मंगल, राहू और केतु इत्यादि एक दिखाई देता है ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दो विवाह का योग बनता है।
: वहीं यदि किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में सप्तम स्थान पर राहू है। तो ऐसे में उस व्यक्ति की शादी टूटने का ख़तरा बना होता है, इसका कारण ये है कि सप्तम स्थान पर राहू होना एक से अधिक विवाह रेखा या अफेयर दर्शाता है।
: वहीं सप्तम स्थान पर केतु अगर जन्म कुंडली में दिखाई दे, तो ऐसे में शादी टूटने का भी ख़तरा बना हुआ होता है।
: इसके अलावा सप्तम स्थान पर केतु के दिखाई देने पर घर में कलह होने की संभावना बढ़ती है।
: यदि कुंडली मे 7वें स्थान पर शनि दिखाई दे रहा हो। तो ऐसे में उस व्यक्ति को तीस वर्ष से पहले विवाह नहीं करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति यदि इससे पहले शादी विवाह करता है तो जीवन में कई तरह की समस्या देखने को मिल सकती हैं।
