– मंगल कमजोर होने की दशा में जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को देवों का सेनापति यानि देवसेनापति माना गया है। एक ओर जहां ये शरीर में रक्त का कारक है तो वहीं कुंडली में इसे पराक्रम का कारक माना जाता है। मंगल के बलवान होने के जहां कुछ लाभ होते हैं तो वहीं इसके नीच या कमजोर होने के साथ ही मंगल दोष कई प्रकार के कूप्रभाव भी प्रदान करता है। मंगल दोष के संबंध में हमने सबसे अधिक कोई बात सुनी होती है तो वह है कि फलां युवती मंगली है या फलां युवक मंगली है, ऐसे में यह मंगल विवाह में देरी का कारण बनता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मंगल इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां उत्पन्न करता है। ऐसे में आज हम मंगल की दशा व दिशा सहित मंगल देव को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में जानेंगे।
