चौदह वर्ष के वनवास के लिए भाई राम और भाभी सीता के साथ जानेे के लिए लक्ष्मण व्याकुल हो गए। लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि पत्नी उर्मिला से वे क्या कहेंगे…लेकिन उर्मिला के कुछ शब्दों ने उन्हें निश्चिंत कर दिया…
उर्मिला अपने कक्ष में अनमनी सी थीं, तभी वहां लक्ष्मण आए। उनके मुख पर क्रोध और निराशा के मिले-जुले भाव थे। कहा, ‘आपने सुना उर्मिला! भइया वन जा रहे हैं, और उनके साथ भाभी भी जा रही हैं।
