भोपालPublished: Nov 17, 2023 01:53:50 pm
देश भर में छठ पूजा का उत्साह नजर आने लगा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से संबंध रखने वाले लोग यह त्योहार उत्साह से मनाते हैं। चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरू हो गई। इसके अगले दिन खरना होगा और 19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालु सरोवरों और घाटों पर पूजा करने के लिए पहुंचेंगे और कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे। बाद में 20 नवंबर को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर और पारण कर व्रत संपन्न करेंगे।
छठ पूजा 2023
धार्मिक और प्राकृतिक आस्था का पर्व
भोजपुरी समाज के कुंवर प्रसाद ने बताया कि छठ पूजा का पर्व का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है। छठी देवी को ब्रह्माजी की मानस पुत्री कहा जाता है। उनका कहना है कि ब्रह्माजी के दाएं हाथ से पुरुष और बाएं हाथ से प्रकृति का जन्म हुआ है। इसी प्रकार प्रकृति ने अपने आप को छह भागों में बांट लिया और प्रकृति के छठवे भाग को ही षष्ठी देवी कहा गया। इस दौरान प्रकृति से उत्पन्न होने वाली वस्तुएं अरबी, अदरक, हल्दी, नींबू सहित ऋतु फलों से पूजा की जाती है। इस पर्व पर घर से घाट तक स्वच्छता का भी विशेष ख्याल रखा जाता है। चार दिवसीय पूजा के लिए जरूरी पूजन सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की खरीदारी का दौर शुरू हो जाएगा।
