Chhath Puja छठ पूजा उत्सव में कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन खरना होता है। यह 18 नवंबर 2023 को पड़ रहा है। इसी दिन से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है। आइये जानते हैं कि इस दिन क्या करते हैं।
छठ पूजा
चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का त्योहार है। इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है और दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जबकि चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है। मान्यता है कि छठी व्रत रखने वाली महिलाओं को छठी मैया संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं और संतानवान व्रतियों को संतान के कल्याण का आशीर्वाद देती हैं। आज जानते हैं कि खरना के दिन क्या करेंगी व्रती..
चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का त्योहार है। इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है और दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जबकि चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है। मान्यता है कि छठी व्रत रखने वाली महिलाओं को छठी मैया संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं और संतानवान व्रतियों को संतान के कल्याण का आशीर्वाद देती हैं। आज जानते हैं कि खरना के दिन क्या करेंगी व्रती..
खरना (दूसरा दिन) : छठ पूजा उत्सव के दूसरे दिन खरना होता है, इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करती हैं। यही प्रसाद घर के बाकी के सदस्यों को भी दिया जाता है।
खरना के दिन सूर्यास्त समय : 18 नवंबर शाम 05:26 पर।
अमृत काल पूजा मुहूर्त : 18 नवंबर 2023 शाम 06:01 से 07:33 के बीच।
