1. क्रोधी व्यक्ति: क्रोध मनुष्य को भीतर से खोखला कर देता है। क्रोध में व्यक्ति यह भूल जाता है कि वह जो काम कर रहा है वो सही है या गलत। चाणक्य नीति के अनुसार आपको क्रोधी मनुष्य से दूरी रखनी चाहिए क्योंकि ये लोग अपने गुस्से में आपको भी हानि पहुंचा सकते हैं और आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
2. स्वार्थी व्यक्ति: आचार्य चाणक्य के अनुसार स्वार्थी व्यक्ति कभी किसी का भला नहीं जा सकता इसलिए आपको इन लोगों से दूर रहना चाहिए। स्वार्थी लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं और अपने भलाई के लिए आपको भी जोखिम में डाल सकते हैं। स्वार्थी लोगों से आपको धोखे के अलावा कुछ नहीं मिल सकता।
3. ज्यादा बढ़ाई करने वाला व्यक्ति: आचार्य चाणक्य ऐसे लोगों से भी दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं जो आपकी मुंह पर ज्यादा प्रशंसा करते हैं। ये लोग आपकी बढ़ाई और चापलूसी करके अपना फायदा निकालते हैं। वहीं पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं। इसलिए चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाले व्यक्ति आपके शुभचिंतक नहीं हो सकते।
सामुद्रिक शास्त्र: जिन महिलाओं के शरीर के इस हिस्से पर होता है तिल वो किसी को बना देती हैं अपना दीवाना
