भोपालPublished: Sep 04, 2023 04:33:26 pm
हिंदू दर्शन में कण-कण में भगवान की कल्पना की गई है और यह भी मान्यता है कि मनुष्य को संकटों से छुटकारा दिलाने के लिए और जीवन जीने का तरीका सिखाने के लिए समय-समय पर भगवान मनुष्य रूप में जन्म लेते हैं। ऐसे ही त्रेता युग में भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया था।
बाद में सदियों बाद इसी रामजन्म स्थान पर मंदिर बना, लेकिन एक समय ऐसा आया कि जब इस मंदिर की ओरिजनल मूर्ति कहीं और पहुंचानी पड़ी। क्या आप जानते हैं अयोध्या के श्रीराम मंदिर की ओरिजनल मूर्ति देश के इस मंदिर में दर्शन देती है..
ओरछा में बनेगा राजा राम लोक
किंवदंती ओरछा के राजा राम मंदिर में है ओरिजिनल मूर्ति
मध्य प्रदेश के ओरछा शहर और अयोध्या का नाता सदियों पुराना है। ओरछा और पूरे बुंदेलखंड में इस संबंध में कई किंवदंतियां प्रचलित हैं। एक किंवदंती के अनुसार 16वीं सदी में जब भारत में विदेशी आक्रांता मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ रहे थे, तब अयोध्या के संतों ने जन्मभूमि में विराजमान श्रीराम के विग्रह को जल समाधि देकर बालू में दबा दिया था। फिर कालांतर में जब ओरछा की महारानी कुंवरि गणेश अयोध्या गईं और कई दिन की तपस्या के बाद जब सरयू में स्नान करने गईं तो इस दौरान किसी वक्त यह प्रतिमा उनकी गोद में आ गई, यही प्रतिमा महारानी ओरछा लेकर आईं और यहां रामराजा मंदिर में स्थापित की गई।
