चातुर्मास को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दौरान अधिक से अधिक अपने देवताओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-शांति आने के आसार रहते हैं। जितना हो सके धार्मिक ग्रथों को पढ़ें और पूजा करें।
इस दौरान ज्यादा से ज्यादा दान करने की कोशिश करनी चाहिए। जितना हो सके लोगों की सहायता करें। जरूरतमंदों को खाने की वस्तुओं के साथ-साथ चप्पल, छाते, कपड़े आदि दान करें।
मान्यता है कि चातुर्मास में जो व्यक्ति गौशाला जा करके गायों की देखभाल करता है और उनके लिए खाने का सामान दान करता है। उसके ऊपर देवी-देवताओं की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है। इन 4 महीनों के दौरान अन्न और गौ दान करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है इस उपाय से रुका हुआ धन वापस आ जाता है और कर्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
इस 4 महीने में सूर्य देव, विष्णु भगवान, शिव भगवान, गणेश देव और देवी पार्वती के पूजन का विशेष महत्व माना जाता है।
चातुर्मास के दौरान चने और गुड़ का दान करने से नौकरी और व्यापार में सफलता मिलने की संभावना रहती है। साथ ही इस दौरान मंदिर में कपूर का दान करना भी शुभ माना जाता है। इससे घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)
