किसी भी जातक की कुंडली में उसकी राशि सदैव ही चंद्र की स्थिति पर निर्भर करती है। यानि जिस भी घर में चंद्र बैठा होता है वहीं जातक की राशि होती है, ऐसे में चंद्र जिसकी कुंडली है उसे अत्यधिक प्रभावित करता है। जिस कारण चंद्र की स्थिति को जानना किसी भी कुंडली को देखते समय आवश्यक हो जाता है। ज्योतिष में चंद्र को जहां नव ग्रहों में मंत्री का दर्जा प्राप्त है तो वहीं चंद्र को कुंडली में मन का कारक माना गया है। सप्ताह में इसका दिन सोमवार होता है और इसके कारक देव स्वयं देवों के देव महादेव माने गए हैं। यहां ये भी जान लें कि चंद्र और शनि के बीच खास द्वेष है, जिसके कारण इनके साथ में आने पर विष योग का निर्माण होता है।
मन का कारक होने के चलते चंद्रके संबंध में माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है वह उसे गलत फैसले की ओर धकेलता है, जिसके चलते उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी हो जातीं हैं। वहीं जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा उचित स्थिति में होता है, तो वह जातक को मानसिक शांति प्रदान करता हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र को कर्क राशि का स्वामित्व प्राप्त है। वहीं चंद्रमा का अन्य राशि में गोचर 48 से 60 घंटे में हो जाता है। जबकि चंद्र को रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी माना गया है। इसके साथ ही चंद्रमा को पाताल लोक का स्वामी भी ही माना गया है। चंद्रमा की सूर्य व बुध से मित्रता है, लेकिन राहु और केतु इसके शत्रु ग्रह हैं।
चंद्रमा कमजोर का प्रभाव
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है वह मानसिक रूप से काफी कमजोर होने के साथ ही भावनाओं में बहकर गलत फैसले ले लेता है। जिसके बाद उसे अपने द्वारा लिए गए फैसलों के कारण दुखी होना पड़ता है। यहां तक की चंद्र की स्थिति कमजोर होने पर जातक को मानसिक बीमारी के अलावा अस्थमा, जुकाम और जल से भी भय रहता है।
कमजोर चंद्र के दोष से ऐसे बचें
कमजोर चंद्र को कुंडली में मजबूत करने के लिए भगवान शिव की उपासना विशेष मानी जाती है। वहीं चन्द्र दोष दूर करने के लिए सोमवार की पूजा और व्रत को विशेष माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से भी चंद्र दोष दूर हो जाता है। इसके साथ ही चन्द्र पीड़ा का माता-पिता और गरीबों की सेवा करने से भी निराकरण संभव है।
मोती देता है लाभ
ज्योतिष के जानकार व पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि चंद्र का रत्न मोती कहलाता है, ऐसे में मोती को धारण करने से चंद्र से जुड़ी अनेक समस्याओं से निजाद पाई जा सकती है। माना जाता है कि चांदी की अंगूठी में 5 रती का मोती लगाकर इसे सीधे हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि चंद्र दोष दूर करने के लिए जातक को श्वेत मोती या श्वेत पुखराज धारण करने के अलावा सफेद रंग के वस्त्र दान करने से भी लाभ प्राप्त होता है।
लेकिन यहां ये ध्यान रहे कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी जानकार की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
